भाजपा का राजनीतिक प्रस्ताव मोदी सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव : धनंजय

रायपुर । भाजपा में राजनीतिक एवं वित्त प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी बैठक में जो राजनीतिक एवं वित्त प्रस्ताव किया है । उन प्रस्ताव के पठन से ऐसा लगता है कि भाजपा ने यह प्रस्ताव मोदी सरकार के मुखाल्फत करने के लिये प्रस्तुत किया है। भाजपा का यह प्रस्ताव मोदी सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लग रहा है।

आज देश की आर्थिक स्थिति बदहाल है। देश में बेरोजगारी दर बढ़ी हुई है। देश में उद्योग धंधे तबाह है। लगभग 23 करोड़ हाथ बेरोजगार है। लगभग 45 करोड़ लोग ऐसे है जिन्हें नौकरियों की आस समाप्त हो चुकी है। किसानों को उनकी उपज का कीमत नहीं मिल रही है, महंगाई चरम सीमा पर है तो ये सारे प्रस्ताव ऐसे लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार को आईना दिखाने के लिये पारित की है। छत्तीसगढ़ में वस्तु स्थिति भाजपा के प्रस्ताव से अलग है। देश की बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ का बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। उद्योग धंधो की स्थिति अच्छी है। राज्य का जीएसटी कलेक्शन देश में सर्वोत्तम है। छत्तीसगढ़ में किसानों को देश में सबसे ज्यादा उनकी उपज का मूल्य मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक प्रस्ताव ने मोदी सरकार को आईना दिखाया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के तीनों प्रमुख सेक्टर में देश की तुलना में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन विगत सवा तीन वर्षो में बेहतर हुआ है। कृषि के क्षेत्र में 1.4 प्रतिशत, उत्पादन में 4 प्रतिशत और सेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से 8 प्रतिशत बेहतर है। मोदी सरकार का फोकस चंद पूंजीपतियों का मुनाफा है, वहीं भूपेश सरकार की प्राथमिकता आम जनता की समृद्धि है, किसान, मजदूर, आदिवासी, वनोपज संग्राहक, गोपालक, युवा, महिला समूहों की समृद्धि है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की पूंजीवादी नीतियों के चलते देश के ऊपर कर्ज 153 लाख करोड़ तक बढ़ा। विदेशी मुद्रा का भंडार तेजी से कम हुए। मोदी सरकार के संरक्षण में 5.43 लाख करोड़ का बैंक फ्रॉड हुआ। अडानी, अंबानी जैसे पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के लोन राइट आफ किये गये। भारत माता की लाखो करोड़ की संपत्तियों को कौड़ी के मोल मोदी सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को सौप दिये। 15 हजार से अधिक उद्योगपति कारोबार समेट कर देश छोड़ दिये। लघु एवं मध्यम उद्योग एक साल के भीतर बंद हो गये। भाजपा के राजनीतिक एवं वित्त प्रस्ताव मोदी सरकार के नाकामी का प्रमाण है। तीन काला कानून लाकर किसानों, मजदूरों एवं आम उपभोक्ताओं को चंद पूंजीपतियो के गुलाम बनाने की साजिश रचा गया। 14 माह के आंदोलन 700 किसानों की शहादत के बाद कृषि कानून वापस लिया गया। मोदी सरकार हर र्मोचे पर फेल है। 1 करोड़ 25 लाख कामकाजी महिलाओं के हाथ से नौकरी खत्म हो गयी।

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