5 से 6 वर्ष के बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देने बालवाड़ी कार्यक्रम का क्रियान्वयन इसी सत्र से

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बघेल द्वारा घोषित बालवाड़ी कार्यक्रम का क्रियान्वयन इसी सत्र से किया जाएगा। इसके लिए 15 जून तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और बालवाड़ी के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं एससीईआरटी के संचालक राजेश सिंह राणा ने आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी।

राणा ने कहा कि बच्चों को हम स्थानीय परिवेश में कैसे बेहतर ढंग से सिखा सकते हैं, एक विषय विशेषज्ञ के रूप में नई शिक्षा नीति में 5 से 6 वर्ष के बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा दी जाएगी। यह कार्यक्रम महिला बाल विकास विभाग व स्कूल शिक्षा विभाग के समन्वय से सफल होगा। टास्क फोर्स कमेटी में यह निर्णय लिया गया है कि बालवाड़ी कार्यक्रम का संचालन आंगनबाड़ी में किया जाएगा। राणा ने कहा कि देश के ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में दो दिवसीय कार्यशाला में दिए गए सुझाव के अनुरूप ऐसी सामग्री तैयार की जा रही है। जो बालवाड़ी के बच्चों के लिए व्यवहारिक होगी। तीन दिनों तक यह बताया जाएगा कि इस योजना को कैसे क्रियान्वित करना है।

अतिरिक्त संचालक डॉ योगेश शिवहरे ने क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स के निर्णय के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को किस प्रकार बालवाड़ी तक लाया जाए और इसे इतना आकर्षक बनाया जाए कि बच्चों को 21 वी सदी के लिए तैयार किया जा सके। बच्चों को यहां सही दिशा में स्वाभाविक सीखने का अवसर जरूर प्राप्त हो। एससीईआरटी द्वारा बालवाड़ी कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु आयोजित कार्यशाला में स्रोत व्यक्तियों सहित प्रत्येक जिले से महिला बाल विकास विभाग के दो सुपरवाइजर और समग्र शिक्षा के एपीसी और डाइट के प्रतिनिधि उपस्थित हुए।

उद्घाटन सत्र को बालवाड़ी के राज्य समन्वयक प्रशांत कुमार पाण्डेय, प्रभारी सुनील मिश्रा सहित यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ छाया कंवर, एसआरसी महिला बाल विकास के राजकुमार खाटी, आदित्य शर्मा, ऋषि कुमार बंजारा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में यूनिसेफ के अलावा आह्वान ट्रस्ट अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं रूम टू रीड के प्रभारी भी उपस्थित थे।

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