रायपुर। केशकाल विधानसभा के बड़ेडोंगर की रहने वाली गीता बारहवीं की परीक्षा पास कर जीव विज्ञान विषय से बीएससी करना चाह रही थी, लेकिन निवास प्रमाण पत्र गुम हो जाने से उसे मनपसंद कालेज नहीं मिल पा रहा था। गीता निवास प्रमाण पत्र के लिए उप तहसील आई थी, वहां भीड़ और पुलिस को देखकर वो लौटने को सोच रही थी, लेकिन गीता ने देखा कि यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आए हुए हैं। गीता खाली हाथ तहसील में गयी और हाथ में निवास प्रमाण पत्र और चेहरे पर मुस्कान लेकर लौटी।
इसी तरह से दिनेश्वरी मरकाम को श्रम कार्ड की आवश्कता थी जिसके लिए वो तहसील कार्यालय में बैठी थी। दिनेश्नरी पहली बार इस कार्य के लिए तहसील प्रांगण में आई थी और उसे उसका श्रम कार्ड मुख्यमंत्री के हाथों मिला। छत्तीसगढ़ शासन की खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना ने गरीबों को इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त कर दिया है और बड़ेडोंगर की रहने वाली दुलेश्वरी बाई से बेहतर और कौन इसे समझेगा जो हेल्थ कार्ड बनवाने उप तहसील कार्यालय आई थी। दुलेश्वरी के आवेदन मिलते ही इस पर काम शुरू हुआ और बिना किसी देर के दुलेश्वरी का हेल्थ कार्ड उसके हाथों में था।
ये कोई कहानी नहीं बल्कि बड़ेडोंगर की रहने वाली तीन महिलाओं की सच्चाई है जिनको खुद भी यकीन नहीं हो रहा था कि वो जो चाहती हैं उन्हें मिल चुका है और वो भी आवेदन करने के साथ ही। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ में सिटिजन चार्टर का कड़ाई से पालन किया जा रहा है और इसकी वजह से हितग्राहियों को तत्काल राहत मिल रही है।
Continue Reading
[metaslider id="347522"]