KORBA:सचिव तबादला में गड़बड़ी,CEOआंख मूंदकर कर रहे हस्ताक्षर

कोरबा,28 मई (वेदांत समाचार )।कोरबा के जिला पंचायत में राम राज्य चल रहा है। जिला सीईओ नूतन सिंह कंवर को अपने अधीनस्थ पर इतना भरोसा है कि आंख मूंदकर हस्ताक्षर कर रहे हैं। एक ही महीने में यह दूसरा मामला है

जब जिला सीईओ ने गड़बड़ी को पकड़ने की बजाय उसे अनदेखा किया, जिसके कारण उनकी कार्यशैली पंचायतों में चर्चा का विषय बन गई है।

अप्रैल में 1 साल पुरानी तारीख पर नया आदेश जारी कर पंचायतों के बीच सुर्खियों में रहे जिला सीईओ ने 27 मई 2022 को किए गए सचिवों के तबादले में की गई गड़बड़ी को नजरअंदाज किया। दरअसल पोड़ी-उपरोड़ा ब्लाक के अटारी पंचायत से बसंत मरावी को तबादला कर दुल्लापुर का सचिव पदस्थ किया गया है। इसके ठीक बाद राजेंद्र पेंद्रो को बुढ़ापारा से अटारी भेजा गया है साथ ही राजेंद्र पेन्द्रो को दुल्लापुर का प्रभारी सचिव भी बनाया गया है। इस आदेश के अनुसार अब एक पंचायत में दो सचिव काम करेंगे। आधिकारियों की जुबानी यह छोटी- मोटी त्रुटि है लेकिन जब जिला पंचायत में 1 साल पुरानी तारीख पर नया आदेश जारी किया जाता है और सचिवों के तबादले की सूची को गंभीरता से नहीं पढ़ा जाता हो, तब इस तरह के आरोप लगना कि सचिवों के तबादले में खासी सांठगांठ और अपने तरह से पोस्टिंग कराने के खेल में रुपयों का हस्तक्षेप चल रहा है, कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।


तबादला होने वाले सचिवों की सूची तैयार करने का काम भी सावधानी पूर्वक होता है और जिन लोगों से होकर यह सूची गुजरती है उन सभी ने अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया है। खासकर स्थापना शाखा इस गलती के लिए जिम्मेदार है। इसके पहले भी स्थापना शाखा से जारी हुए सचिवों के तबादला आदेश में 1 साल पुराना तारीख/ वर्ष डालने के मामले को भी जिला सीईओ ने गंभीरता से नहीं लिया। जिम्मेदार पद पर बैठे आईएएस अफसर के लिए जरूरी है कि वह इस तरह की छोटी-छोटी गलतियों को भी नजरअंदाज ना करें। अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा महंगा पड़ सकता है। इसी महीने में यह दूसरा मौका है जब अधिनस्थ के भरोसे पर सीईओ ने हस्ताक्षर कर अपनी ही कार्यशैली पर सवाल उठवा लिया है।


ज्ञात हो कि 18 अप्रैल 2022 को जिला पंचायत स्थापना शाखा से सचिवों के फेरबदल का दो आदेश जारी किया गया था। इस आदेश पत्र में 4 जगहों पर अप्रैल 2021 कंप्यूटर से टाइप किया हुआ अंकित है और उसके सामने तारीख को लिखा गया है। अब सवाल तो जायज है कि क्या वर्तमान सीईओ नूतन कुमार कंवर के द्वारा उस वक्त के सीईओ कुंदन कुमार के कार्यकाल का आदेश अब जाकर जारी किया गया है या फिर जिला सीईओ के निर्देश पर इस तरह के आदेश निकालने वाले अधिकारी पंचायत सुश्री जुली तिर्की एवं जिला ऑडिटर जे एस पैकरा (पंचायत) की गंभीर लापरवाही है। इस मामले पर मिट्टी डाल दी गई।

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