नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि तमिल भाषा शाश्वत है, तमिल संस्कृति वैश्विक है और तमिलनाडु के लोग श्रेष्ठ हैं। प्रधानमंत्री ने कल चेन्नई में 28 हजार पांच सौ 40 करोड़ रूपये से अधिक की छह महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने दो हजार नौ सौ 60 करोड़ रूपये की लागत से तैयार पांच परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पाया है कि तमिलनाडु का कोई न कोई व्यक्ति हमेशा आगे बढता रहा है। उन्होंने बधिर ओलिम्पिक के खिलाडियों के स्वागत समारोह को याद करते हुए कहा कि भारत ने इस प्रतियोगिता में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इन खेलों की पदक तालिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के युवा एथलीटों ने 16 पदकों में से छह पदक हासिल किए हैं। उन्होंने तमिल भाषा कि बारे में महाकवि सुब्रमण्य भारती की कविता पढी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार तमिल भाषा तथा संस्कृति के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने केन्द्रीय तमिल शास्त्रीय संस्थान के नए प्रांगण के उद्घाटन का भी उल्लेख किया, जिसे केन्द्र सरकार ने वित्त पोषित किया है। श्री मोदी ने कहा कि बनारस हिंदु विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन पर ‘सुब्रमण्य भारती चेयर’ की हाल ही में घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो राष्ट्र बुनियादी ढांचा को महत्व देते हैं, वे विकासशील देशों से विकसित देशों में परिवर्तित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के पारम्परिक क्षेत्रों, जैसे कि सड़क, बिजली और पानी से कहीं आगे बढ़ चुकी है और अब केन्द्र सरकार गैस पाइपलाइन नेटवर्क बढ़ाने तथा सूचना राजमार्ग तैयार करने पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार शौचालय, आवास, शुद्ध पेयजल और वित्तीय समावेशन सहित सभी कल्याणकारी योजनाओं को पूर्णता के स्तर तक पहुंचाना चाहती है। श्री मोदी ने कहा कि महत्वाकांक्षी चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे दो प्रमुख केन्द्रों को जोड़ेगा जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आयेगी। चेन्नई बंदरगाह और मदुरावॉयल को जोड़ने वाली चार लेन की डबल डेकर, एलिवेटिड सड़क का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना से चेन्नई बंदरगाह की क्षमता बढेगी और शहर में भीड़भाड कम होगी। उन्होंने राज्य के पांच रेलवे स्टेशनों के पुनर्वविकास पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन रेलवे स्टेशनों का उन्नयन भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।