बिलासपुर। मुंगेली नगर पालिका परिषद के पांच भाजपा पार्षदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आदेश में कहा गया है इनके विरुद्ध कांग्रेस से सांठगांठ कर भाजपा के अध्यक्ष संतू लाल सोनकर को अपदस्थ करने के आरोप को जांच में सही पाया गया है। जबकि सोनकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया था, उन्हें शासन ने बर्खास्त किया था।
भाजपा से निष्कासित पार्षदों में मोहन मल्लाह, मोहित कुमार बंजारा संतोषी मोना नागरे, सोनी जांगड़े और मोतिम बाई सोनकर शामिल हैं। संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन साहनी इन्हें अलग-अलग पत्र में इस बात की सूचना देते हुए कहा है कि नगर पालिका परिषद मुंगेली के अध्यक्ष संतू लाल सोनकर जो भारतीय जनता पार्टी से निर्वाचित थे, के विरुद्ध आपने कांग्रेस के साथ सांठगांठ की और उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ किया। यह पार्टी की छवि धूमिल करने का कृत्य एवं गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था समिति ने सूक्ष्म जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रदेश इकाई को दी जिसमें आप दोषी पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने उपरोक्त आरोप में आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है।
ज्ञात हो कि संतू लाल सोनकर के खिलाफ मुंगेली नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया था। उनके सहित नगरपालिका के सीएमओ सहित 6 अधिकारी, कर्मचारियों पर नाली निर्माण के लिए स्वीकृत 13 लाख रुपये के गबन का आरोप था। सोनकर को जेल जाना पड़ा था। इसके बाद शासन ने उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद बर्खास्त किया था।
करीब 6 माह पहले सोनकर को बर्खास्त किया गया था। इसके बाद कांग्रेस के हेमेंद्र गिरी गोस्वामी को नगर पालिका का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। जनवरी माह में अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था जिसमें भाजपा की ओर से गायत्री देवांगन तथा कांग्रेस से हेमेंद्र गिरी गोस्वामी मैदान में थे।
नगरपालिका में भाजपा के 11 तथा कांग्रेस के 10 पार्षद हैं। इसके बावजूद चुनाव में गायत्री देवांगन को केवल 5 वोट मिले। 14 पार्षदों के समर्थन से कांग्रेस प्रत्याशी जीत गए। इस चुनाव में भाजपा के पांच पार्षदों पर क्रास वोटिंग करने का आरोप था।
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