बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के लिए सहायक प्राध्यापक के एक पद पर नियुक्ति को अंतिम निर्णय तक बाधित रखने का आदेश दिया है। फरवरी माह में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने मेडिकल कॉलेज में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके लिए दुर्ग की डॉ विनंती कांगले और बिलासपुर की डॉ प्रभा सोनवानी ने भी आवेदन किया था।
विज्ञापन के अनुसार नियुक्ति के लिए किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में संबंधित विषय पर जूनियर रेजिडेंट के रूप में 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। साथ ही वरिष्ठ रेजिडेंस के रूप में एक वर्ष का अनुभव हो। इसके अलावा एमडी, एमएस के समतुल्य मास्टर डिग्री और तीन वर्ष का अनुभव आवश्यक है।
अंतिम चयन सूची में डॉ प्रभा सोनवानी को अनुपूरक सूची में रखा गया, जबकि डॉ कांगले का चयन किया गया।
इसके खिलाफ डॉ सोनवानी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। याचिका में कहा गया कि डा कांगले की शैक्षणिक योग्यता एमबीबीएस है। आवदेन के अनुसार मांगे गए अन्य अनुभव भी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर से डिग्री के बाद अनिवार्य प्रारंभिक सेवा पूरी नहीं की है और न ही बॉन्ड जमा किया है। डॉ कांगले महाराष्ट्र की मूल निवासी हैं। विवाह के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ का निवास प्रमाण पत्र बनवाया है।
हाईकोर्ट में जस्टिस पी सैम कोसी की बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय तक सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति को बाधित रखने का आदेश दिया है और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है।
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