प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। 57 वर्षीय शिवसेना नेता – राज्य के परिवहन मंत्री हैं और उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का करीबी सहयोगी कहा जाता है। ईडी ने रत्नागिरि जिले के तटीय दापोली इलाके में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं और अन्य आरोपों को लेकर अनिल परब एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत छापे मारे।
संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है, जिसके बाद दापोली, मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित परब (57) राज्य के परिवहन मंत्री हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है।
आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया।
आयकर विभाग की जांच में पहले कहा गया था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में छह करोड़ रुपए नकद खर्च किए गए थे। इससे पहले, निदेशालय ने पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में परब से पूछताछ की थी।
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