8 Years of Modi Government : मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में नॉन-सब्सिडी वाला घरेलू LPG सिलेंडर कितना हुआ महंगा

आज ही के दिन आठ साल पहले  26 मई 2014 को  मोदी युग की शुरुआत हुई थी। महंगाई, भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरी बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी पीएम बने। 26 मई 2014 को पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। लोकसभा चुनाव में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की महंगाई के दम पर चली ‘मोदी लहर’ में बीजेपी को फिर से सत्ता मिल गई। तब बीजेपी एलपीजी, पेट्रोल, डीजल, प्याज की महंगाई पर मनमोहन सरकार को घेरती थी और आज विपक्ष मोदी सरकार को  इन्हीं मुद्दों पर घेर रही है।

देश में पेट्रोल का औसत रेट 100 रुपये है तो डीजल 92 रुपये। घरेलू  एलपीजी सिलेंडर 1000 रुपये के पार चला गया है। आज हम देखेंगे कि मनमोहन सरकार की तुलना में घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट में कितना इजाफा हुआ है।

मोदी सरकार में कितना बढ़ा सिलेंडर का रेट

एक मई को दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 928.5 रुपये थी। इससे पहले एक जनवरी 2014 को दिल्ली में 14.2 किलो वाला नॉन-सब्सिडी घरेलू एलपीजी सिलेंडर 1241 रुपये में मिल रहा था और इस पर मनमोहन सरकार विपक्ष के निशाने पर थी।  हालांकि इस रेट पर भी लोगों को सब्सिडी भी मिल रही थी।

सब्सिडी गई पर उपलब्धता बढ़ी

अब एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी न के बराबर आ रही और कीमत 1003 रुपये हो गई है। इधर एलपीजी की खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी रही। देश के 39 करोड़ से अधिक घरों के रसोई घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी का इस्तेमाल हो रहा है। पहले एलपीजी सिलेंडर के लिए मारामारी होती थी और आज इसकी उपलब्धता सूदूर इलाकों तक है।

अगर केवल गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर की बात करें तो अभी यह मनमोहन सरकार की तुलना में केवल 74.50 रुपये महंगा है।हालांकि, जिन्हें सिलेंडर पर करीब 300 से 400 रुपये सब्सिडी मिलती थी उनके लिए यह रेट बहुत अधिक है।