मानसून के दौरान बाढ़ आपदा प्रबंधन, बचाव-राहत के लिए रहें तैयार : कलेक्टर

धमतरी। जिले में बाढ़ संभावित 77 गांव हैं। इनमें मगरलोड तहसील के 29, धमतरी के 20, भखारा के 13, कुरूद के 10 और नगरी तहसील के 05 गांव शामिल हैं। आगामी मानसून 2022 के मद्देनजर जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन, बचाव और राहत के लिए तैयारियों के संबंध में कलेक्टर पीएस.एल्मा ने बुधवार को अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में बताया गया है कि नाले में उफान आने की वजह से नगरी ब्लॉक के चार राशनदुकान करही, रिसगांव, खल्लारी और फरसगांव पहुंच विहीन हो जाते हैं। कलेक्टर ने उक्त पहुंचविहीन राशनदुकानों में अगले पांच माह के लिए 31 मई तक खाद्यान्न भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश खाद्य अधिकारी को दिए। इसके अलावा जीवन रक्षक दवाइयां इत्यादि का भण्डारण कर लेने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। इसके साथ ही कुओं, हैण्डपम्प इत्यादि शुद्धिकरण करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए।

बताया गया है कि प्राकृतिक आपदा से बचाव और राहत व्यवस्था के लिए जिला स्तर पर कलेक्टोरेट स्थित कक्ष क्रमांक 08 में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नंबर 07722-232249 है। यह नियंत्रण कक्ष एक जून से क्रियाशील होगा और 24 घंटा कार्य करेगा। बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कंट्रोल रूम की जानकारी सभी ग्राम पंचायत तथा आम नागरिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने वर्षामापी यंत्रों का उचित संधारण करने के निर्देश भी दिए।

जिले के ऐसे क्षेत्र जहां हर साल बाढ़ आती है, वहां जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर लोगां को पहुंचाने और उनको ठहराने के लिए राहत कैम्प इत्यादि की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश कलेक्टर ने बैठक में दिए हैं। जलाशयों में जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना देने के निर्देश जल संसाधन विभाग को दिए। साथ ही जलाशयों में नियमित रूप से निकासी के प्रयास करने के निर्देश दिए, ताकि बाढ़ की स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सके। नगरसेना में उपलब्ध मोटर बोट दुरूस्त रखने पर कलेक्टर ने बल दिया। साथ ही आवश्यक उपकरणों सहित गोताखोरों का मॉकड्रिल आयोजित कर तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने दिए। वर्षा के पूर्व नगरीय निकायों के सभी नालों-नालियों की पूरी तरह से सफाई सुनिश्चित करने और शहरों के भीतर बाढ़ वाले क्षेत्रों में पोर्टेबल डिवाटरिंग पम्पों की व्यवस्था करने के निर्देश आयुक्त, नगरपालिक निगम और मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दिए। विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिए। साथ ही असुरक्षित पेड़ों की कटाई और सूचना पटल, होर्डिंग्स इत्यादि सुरक्षित करने की कार्रवाई करने के लिए लोक निर्माण विभाग को दिए। इसके अलावा बाढ़ अथवा प्राकृतिक आपदा के मामलों में आर.बी.सी. 6-4 के तहत प्रकरण बनाकर तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत श्रीमती प्रियंका महोबिया, एडीएम ऋषिकेश तिवारी सहित ज़िला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।