NTPC के राखड़ से बड़े पैमाने पर फैल रहा प्रदूषण, निरीक्षण के लिए पहुंची NGT की टीम

NTPC के राखड़ से बड़े पैमाने पर फैल रहा प्रदूषण, निरीक्षण के लिए पहुंची NGT की टीम

सोमवार को NTPC से निकलने वाले फ्लाई ऐश का उपयोग देखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की टीम बिलासपुर में सीपत स्थित NTPC पहुंची। टीम ने पहले दिन पावर प्लांट, राखड़ बांध, फ्लाई ऐश ब्रिक्स उद्योगों का निरीक्षण किया। साथ ही प्रभावित ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। निरीक्षण में टीम ने देखा कि फ्लाई ऐश का किस तरह उपयोग किया जा रहा है। इधर, पता चला है कि NTPC ने पिछले कुछ माह से ब्रिक्स उद्योग को राख की सप्लाई बंद कर दी है। इसकी भी जानकारी NGT की टीम को दी गई।

केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 25 जनवरी 2016 को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा था कि NTPC को 100 किमी तक खाली पड़ी खदानों और फ्लाई ऐश ब्रिक्स आदि उद्योगों को पहुंचा कर राख देना होगा। इस आदेश पर NTPC ने 2019 में अमल करते हुए राखड़ बांध भरने और किसानों की खेती प्रभावित होने के बाद किया। तीन साल देरी से आदेश का पालन करने के साथ ही NTPC से ट्रांसपोर्टर राखड़ की सप्लाई उद्योगों सहित अन्य जगहों पर कर रहे थे।

NTPC के राखड़ से आसपास के गांव में फैल रहा प्रदूषण (फाइल फोटो)

NTPC ने उद्योगों को फ्लाई ऐश देना किया बंद


बताया गया कि 31 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय का एक संशोधित नोटिफिकेशन आया, इसमें NTPC और दूसरे पावर प्लांट को निर्देशित किया गया कि वे खदानों और सड़क में भरने के लिए 300 किमी तक राख पहुंचाकर देंगे। संशोधित नोटिफिकेशन में फ्लाई ऐश उद्योगों का जिक्र नहीं होने का हवाला देकर NTPC ने उद्योगों में फ्लाई ऐश देना बंद कर दिया है। पहले राखड़ मंगाने वाले उद्योगों को एक साल से प्रतिपूर्ति नहीं दी गई है।

अब जबकि राखड़ से पर्यावरण प्रदूषण का खतरा है। ऐसे में सोमवार को NGT की टीम NTPC प्लांट और राखड़ तालाब को देखने पहुंची। यहां टीम सीपत के बालाजी ऐश ब्रिक्स भी गई, जहां संचालक सतीश अग्रवाल से राखड़ के उपयोग के संबंध में जानकारी ली। टीम उरगा में NTPC की ओर से की जा रही खाली खदान की राखड़ से पटाई का भी निरीक्षण किया। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए NTPC की जनसंपर्क अधिकारी नेहा खत्री से संपर्क किया गया। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके चलते मामले में NTPC प्रबंधन का पक्ष नहीं लिया जा सका।


बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने NGT को प्रदूषण फैलाने वाले पावर प्लांट्स पर राखड़ के उपयोगिता और दिए गए आदेशों पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। NTPC के राखड़ बांध से प्रदूषण फैल रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे आसपास के गांव के किसान परेशान हैं। यही वजह है कि NGT की टीम यहां निरीक्षण के लिए आई है। टीम यहां निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम मंगलवार को भी दौरे में रहेगी। टीम फ्लाई ऐश, पौधरोपण सहित अन्य कामों को निरीक्षण कर रही है।

उद्योग संचालकों ने मड़वा और जांजगीर के दूसरे पावर प्लांट से किया संपर्क


फ्लाई ऐश उद्योग संघ के अध्यक्ष नवदीप सिंह छाबड़ा ने बताया कि NTPC से राख नहीं मिलने पर उन्होंने जांजगीर के मड़वा ताप विद्युत संयंत्र प्रबंधन से मुलाकात कर फ्लाई ऐश उपलब्ध कराने की मांग की है।जिस पर प्लांट के जनरेशन सीई एचएन कोसरिया ने फ्लाई ऐश उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है। पावर प्लांट को राखड़ पहुंचाकर देना है। ऐसे में उद्योगों पर तो इसका असर नहीं पड़ेगा। लेकिन NTPC से अगर राख का उपयोग नहीं किया गया तो इससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ेगा। एसोसिएशन के पदाधिकारी मंगलवार को NGT की टीम से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। मालूम हो कि सिरगिट्टी में 50 से ज्यादा प्लांट हैं, जो NTPCसे निकलने वाली राखड़ का 10 फीसदी हिस्सा उपयोग करते हैं।