पानी के लिए राजधानी में मच सकता है हाहाकार, फिर कम हुआ यमुना का जलस्तर…

नई दिल्ली । देश के राजधानी दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मच सकता है। वजीराबाद में यमुना नदी का जलस्तर कम होने का सिलसिला जारी है। बुधवार को वजीराबाद में यमुना नदी का जल स्तर मंगलवार से भी कम हो गया। इस वजह से एक सप्ताह में वजीराबाद में यमुना के जल स्तर में साढ़े पांच फीट से अधिक की कमी आ चुकी है। इससे जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जलशोधन संयंत्रों से जलापूर्ति कम होने से पेयजल किल्लत बढ़ती जा रही है।

आशंका जताई जा रही है कि यदि समस्या का हल जल्द नहीं निकाला गया तो राजधानी में बड़ा पेयजल संकट पैदा हो सकता है। जल बोर्ड के अनुसार करीब तीन सप्ताह पहले वजीराबाद में यमुना नदी का जल स्तर कम होना शुरू हुआ था, लेकिन एक सप्ताह से समस्या ज्यादा बढ़ी है। वजीराबाद बैराज के पास यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए। 12 मई को जल स्तर घटकर 671.80 फीट हो गया था। इसके बाद से जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। 17 मई को जल स्तर 669 फीट था, जो बुधवार को गिरकर 668.9 फीट हो गया।

स्थिति यह है कि तीन सप्ताह में जल बोर्ड पांच बार हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग कर चुका है, लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इस वजह से उत्तरी, उत्तरी-पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों सहित नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के इलाकों में भी जलापूर्ति प्रभावित हुई है।

जल बोर्ड के अनुसार दिल्ली में 1,260 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) की जरूरत होती है। जल बोर्ड सामान्य तौर पर 950 एमजीडी पानी आपूर्ति करता है, लेकिन इस बार ट्यूबवेल के जरिये जलापूर्ति बढ़ाई गई थी। इस वजह से पिछले दिनों जल बोर्ड करीब 990 एमजीडी जलापूर्ति कर रहा था।

बताया जाता है कि अभी 65 एमजीडी पानी की आपूर्ति कम हो गई है। इससे करीब 925 एमजीडी जलापूर्ति हो रही है। इस वजह से पानी की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़कर करीब 335 एमजीडी हो गया है।

जलसंकट दूर करने को सरकार के पास रोडमैप नहीं : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि दिल्लीवासी भीषण गर्मी के मौसम में जलसंकट से जूझ रहे हैं, जबकि आप सरकार के पास उसे दूर करने का कोई रोडमैप नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली सरकार की प्रशासनिक अक्षमताओं के कारण ही लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं।

हैरत की बात यह कि यमुना के लगातार घटते जल स्तर से बेफिक्र केजरीवाल सरकार हरियाणा से पानी छोड़ने की मांग करने के बजाय दिल्ली में जल स्तर कम होने के साथ-साथ 70 एमजीडी जल संकट के बयान जारी कर रही है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा दिल्ली जल बोर्ड दिवालिया होने को है। उन्होंने कहा कि जब तक जल बोर्ड को घाटे से नहीं उबारा जाता, दिल्ली में 24 घंटे स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा ने निगम को लूटकर कंगाल बना दिया है, उसी प्रकार आप सरकार ने जल बोर्ड को दिवालिया बना दिया है।