नई दिल्ली । राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आज 13 मई से शुरू हो रहा है। 15 मई तक चलने वाले इस चिंतन शिविर में लगातार चुनाव में हार और कांग्रेस नेताओं में असंतुष्टि को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा देश के कई मुद्दों पर फोकस भी किया जाएगा। चिंतन शिविर की शुरुआत कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन से होगी। इसके बाद सभी छह ग्रुप के सदस्य अपने विषय के एजेंडे पर चर्चा शुरू करेंगे।
कल यानी 14 मई को पूरे दिन चर्चा होगी। इसके बाद हर समूह अपने निष्कर्षों का मसौदा तैयार करेगा। 15 मई को सुबह साढ़े 11 बजे कार्यसमिति की बैठक होगी। जिसमें इन मसौदा प्रस्तावों पर विचार कर मंजूरी दी जाएगी। शिविर के अंतिम सत्र में राहुल गांधी संबोधित करेंगे।
राहुल और प्रियंका का उदयपुर में स्वागत
चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए राहुल गांधी उदयपुर पहुंच चुके हैं। राहुल गांधी ट्रेन के जरिए उदयपुर पहुंचे। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्लेन से यहां पहुंचीं। राहुल और प्रियंका का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत लगभग 75 नेता ट्रेन से दिल्ली से मेवाड़ एक्सप्रेस से उदयपुर पहुंचे।
राहुल गांधी की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई प्रदेश स्तरीय नेता उदयपुर के सिटी रेलवे स्टेशन पहुंचे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी का स्वागत है। स्टेशन पर हज़ारों लोग आए। शानदार स्वागत हो रहा है, लोगों में उत्साह है।’
इन मुद्दों पर रहेगा फोकस
कांग्रेस के चिंतन शिविर में तीन मुख्य बिदुंओं पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस नेता सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, किसानों के मुद्दे और आगामी चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करने को लेकर चर्चा करेंगे। इसके अलावा केंद्र-राज्य सरकारों के संबंध, उत्तर-पूर्वी राज्यों की स्थिति, जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पर भी चर्चा होगी।
चुनावों में लगातार हार पर भी होगी समीक्षा
बीते विधानसभा चुनावों में हुई हार को लेकर भी चिंतन शिविर में चर्चा होगी। पिछले आठ सालों में हुए चुनावों में पार्टी को कई चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में इन चुनावों मिली हार के कारणों पर भी समीक्षा की जाएगी।
फिर उठेगा राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का मुद्दा!
चिंतन शिविर में राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का मुद्दा उठ सकता है। इससे पहले, 14 मार्च को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भी राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने की मांग की गई थी। कहा जा रहा है कि कई नेताओं की मांग के बाद अब राहुल गांधी भी इस पद पर विचार के लिए तैयार हैं।
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