ताजमहल के 22 बंद दरवाजे खोलने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा कोविड-19 पर आयोजित दूसरी ग्लोबल वर्चुअल समिट में भाग लेंगे। पीएम मोदी ने सितंबर 2021 को आयोजित पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया था। चक्रवाती तूफान ‘असानी’ बुधवार देर रात आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और नरसापुरम के बीच कमजोर होकर गहरे दबाव में तब्दील हो गया। उधर संकट में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से बुधवार को इनकार कर दिया लेकिन कहा कि वह इसी हफ्ते नए प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे जो संवैधानिक सुधार पेश करेगा। देश में गंभीर आर्थिक संकट के चलते सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।
याचिका में केंद्र सरकार को भी बनाया पक्षकार
याचिका में केंद्र सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) तथा राज्य सरकार को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में उन मान्यताओं का जिक्र किया गया है जिसमें ताजमहल के इन्हीं बंद दरवाजों के भीतर भगवान शिव का मंदिर होने का दावा किया जाता है। याचिका में अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस के वहां जाने और उनके भगवा वस्त्रों के कारण उन्हें रोके जाने संबंधी हालिया विवाद का भी जिक्र किया गया है।
क्या है ताजमहल के 22 बंद दरवाजे वाली याचिका?
ताजमहल के बंद दरवाजे खुलवाने के लिए याचिका शनिवार को दायर की गई थी। इसमें इतिहास को स्पष्ट करने के लिए ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की गई। याचिका में 1951 और 1958 में बने कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध घोषित किए जाने की भी मांग की गई है। इन्हीं कानूनों के तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी का किला और आगरा के लाल किले आदि इमारतों को ऐतिहासिक इमारत घोषित किया गया था।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछे तीखे सवाल
ताजमहल के 22 बंद दरवाजे खोलने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछे तीखे सवाल।
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