0 बेटी के ब्याह के दुश्मन बन गए हैं ग्रामीण, मंडप के दिन से पूरे गांव ने बनाई है दूरी, दबंग डेढ़ लाख रुपए मांग रहे सामाजिक अर्थदंड ,परेशान युवती ने हल्दी चढ़ने के बाद मुख्यमंत्री , महिला आयोग से लगाई थी गुहार
कोरबा , 09 मई (वेदांत समाचार) .। रोगदा में सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवार की बेटी के ब्याह का बहिष्कार कर डेढ़ लाख अर्थदंड वसूलने की जिद पर अड़े दबंगों के कारनामों की मुख्यमंत्री ,राज्य महिला आयोग को की गई शिकायत संबंधी खबर हसदेव एक्सप्रेस के जरिए वायरल होते ही एक बार फिर सिस्टम में हड़कंप मच गया। अपनी फजीहत बचाने एवं उच्च अधिकारियों के कोपभाजन का शिकार होने से बचने तहसीलदार बरपाली ,पटवारी ,पुलिस आग बरसाती गर्मी में रोगदा ग्राम पहुंची। जहां एक बार फिर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई की बजाय समझाईश देकर मामला रफा दफा कर दिया गया । ग्रामवासियों को शादी में शामिल होने की समझाईश दी ,पटवारी एवं कोटवार शादी तक निगरानी कर प्रशासन को सूचित करेंगे।
यहां बताना होगा कि विकासखण्ड करतला के ग्राम रोगदा निवासी
सरिता पटेल पिता हेमलाल पटेल सोमवार को मुख्यमंत्री एवं राज्य महिला आयोग के नाम पत्र लिखकर अपने निर्विघ्न शादी कराने व प्रशासन के समझाइश आश्वासन के बाद भी सामाजिक बहिष्कार कर शादी में शामिल होने वाले ग्रामवासियों पर प्रतिबंध लगाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई थी । जिसे लेकर हसदेव एक्सप्रेस ने प्रमुखता से समाचार जारी कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। खबर जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुई जिला पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। एसी दफ्तर में बैठकर ड्यूटी बजा रहे अफसरों को फजीहत रोकने की चिंता सताने लगी। आनन फानन में एसडीएम तो नहीं पर तहसीलदार बरपाली श्रीमती आराधना प्रधान ,पटवारी के साथ मौके पर पहुंची। लेकिन हमेशा की तरह पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई की बजाय समझाईश देकर मामला रफा दफा कर दिया गया । ग्रामवासियों को शादी में शामिल होने की समझाईश दी ,पटवारी एवं कोटवार शादी तक निगरानी कर प्रशासन को सूचित करेंगे। बहरहाल यह देखना होगा कि प्रशासन की समझाईश का रोगदावासियों पर कितना असर होता है । या फिर यह आश्वासन भी महज औपचारिक साबित होगी। यह सब 11 मई को पता चल जाएगा।
डेढ़ लाख अर्थदंड वसूलने दबाव बनाने वालों को अभयदान ,उरगा पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
सरिता पटेल ने पत्र के माध्यम से सामाजिक अर्थदंड के रूप में डेढ़ लाख रुपए वसूलने का दबाव बनाने शादी में शामिल होने ग्रामवासियों पर प्रतिबंध लगाने वाले दबंगों का नाम आख़िरकार हिम्मत कर उजागर कर दिया था। पत्र में उल्लेख किया गया था कि आवेदिका व उसके परिवार की इस स्थिति के जिम्मेदारों में फिरतराम पटेल,रामकुमार पटेल,टीकाराम पटेल,नारायण पटेल, संजय बरेठ,टिंगलू पटेल,संतराम पटेल,तुलाराम पटेल,गुरुवार सिंह पटेल,गणेशराम बरेठ ,इंदल बरेठ,लकेश्वर पटेल शामिल हैं। लेकिन संबंधितों पर पुलिस ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर उनके हौसले और बुलंद कर दिए। जिससे उरगा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे।
पीड़ित परिवार के यहां जाने कलेक्टर एसपी के पास फुर्सत तक नहीं
जिले में इस तरह का यह शायद पहला मामला हो जहां खुद का विवाह निर्विघ्न संपन्न कराने सामाजिक बहिष्कार झेल रहे परिवार की पुत्री को हल्दी चढ़ने के बाद मदद की गुहार लगानी पड़ रही हो। लेकिन इसके बाद भी जिले के प्रशासन ,पुलिस के प्रमुख अधिकारी कलेक्टर एसपी का पीड़ित परिवार के यहाँ एक बार भी पहुंचकर सुध नहीं लेने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर योजनाओं,कानून व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने बीहड़ बीहड़ क्षेत्रों में आमजनता तक पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर जिले में सड़क मार्ग से लगे हुए ग्राम रोगदा में एक परिवार के साथ हो रही सामाजिक बहिष्कार ,शादी का बहिष्कार जैसी यातनाएं झेल रहे परिवार की सुध लेने की अफसरों के पास फुर्सत नहीं।
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