कोरबा 09 मई (वेदांत समाचार) मानिकपुर खुली खदान मे पानी का छिड़काव न होने से कोयला डस्ट, राखड़धूल,कोयला धुआं तथा भारी वाहनों के लगातार आवागमन से उड़ रहे धूल के गुबार के कारण खदान एवं दिगर जगह कुछ भी दिखाई नहीं देता है वहीं खदान के अगल बगल के रिहायशी क्षेत्र मे रहने वाले निवासियों को भी प्रदूषण के चलते जीना दूभर हो गया है इस संबंध मे एटक के दीपेश मिश्रा ने टेलीफोन से महाप्रबंधक मानिकपुर दिपक पंड्या से चर्चा भी किया था परन्तु नतीजा सिफर रहा उन्होंने आगे बताया कि मानिकपुर परियोजना आज से नहीं बल्कि 50 सालों से लगातार 150 से 200 करोड़ प्रति वर्ष लाभ दे रहा है पर यहां के कामगारों को बुरी तरह सताया जा रहा है इसके साथ ही सुरक्षा के मापदंडों को ताक पर रखकर मजदूरों से जबरन कार्य लिया जा रहा है वंही मजदूरों का बात बात पर हाजिरी काट देना आम बात हो गई है सिर्फ इतना ही नहीं यहां प्रबंधन पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है वहीं मजदूरों को बेवजह प्रताड़ित कर बलि का बकरा बनाया जा रहा है प्रबंधन के इन्हीं हरकतों ने उनका काला चेहरा बेनकाब कर दिया हैI
दीपेश मिश्रा ने आगे कहा कि खदान मे जो गैरकानूनी और मजदूर विरोधी कार्य हो रहा है उसके लिए सिर्फ प्रबंधन ही एकमात्र जिम्मेदार है इसे किसी भी कीमत मे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इस संबंध मे दीपेश मिश्रा ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि 15 दिन के भीतर इन समस्याओं का हल नहीं निकाला गया तो मानिकपुर खदान मे खनन गतिविधियों को पूरी तरह रोक दिया जाएगा वहीं कोयला उत्पादन एवं प्रेषण को भी पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा उन्होंने आगे कहा कि प्रबंधन के तानाशाही रवैया का मुकम्मल विरोध किया जाएगा तथा मजदूरों के हितों के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं होगा दीपेश मिश्रा ने अंत मे कहा कि श्रम संघ प्रबंधन से किसी भी तरीके का टकराव नहीं चाहता है परन्तु प्रबंधन अगर मजदूर विरोधी रवैया जारी रखेगा तो श्रम संगठन पूरी ताकत के साथ इसका मुखालफत करेगा।
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