झरना को कत्थक में मिली पीएचडी

रायगढ़ । रायगढ़ जिले को संगीत के क्षेत्र में उपलब्धि दिलाते हुए झरना नायक ने शास्त्रीय संगीत विधा अंतर्गत कथक नृत्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है यह उपाधि झरना ने अपने नृत्य गुरु डॉ.नीता गहरवार के निर्देशन में हासिल की है।

विदित हो कि इससे पहले रायगढ़ जिला से ग्राम लोधिया निवासी डॉ. जवाहर नायक ने खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से तबला में पीएचडी हासिल की थी। झरना नायक पहली महिला एवं रायगढ़ जिले के दूसरे सख्सियत हैं जिन्होंने नृत्य संगीत के क्षेत्र में पीएचडी हासिल की है। पिछले दिनों इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के हाथों झरना को पीएचडी की उपाधि प्रदान करते हुए विशेष रूप से सम्मानित किया गया ।

वर्तमान में डॉक्टर झरना नायक ओपी जिंदल स्कूल में कत्थक नृत्य शिक्षिका के पद पर कार्यरत है जो पूर्व मंत्री रायगढ़ विधायक रहे स्वर्गीय डॉ. शक्राजीत नायक एवं वर्तमान रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के गृह ग्राम बरमकेला विकासखंड के ग्राम नावापाली के मूल निवासी हैं । झरना नायक के दादा डॉ. मुकुन्द नायक रविशंकर विश्वविद्यालय में अधिष्ठाता के रूप में सेवा देकर सेवानिवृत्त हुए हैं।

नावापाली ग्राम से पीएचडी करने वालों में स्व.डॉ.शक्राजीत नायक, डॉ.मुकुंद नायक, डॉ.कमल नायक, डॉ.शशि नायक के पश्चात अगली पंक्ति में डॉ. झरना नायक का नाम है जिसने यह उपलब्धि हासिल की । डॉ. झरना के पिता नेतराम नायक शासकीय विद्यालय में शिक्षक थे जो 2 साल पहले ही दिवंगत हो गए। माता श्रीमती हेमकुंवर नायक ने झरना का हर कदम पर हौसला अफजाई किया जिनके सकारात्मक सहयोग और प्रोत्साहन से झरना ने नृत्य विधा में अपना कदम बढ़ाते हुए खैरागढ़ विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर राज्यपाल पुरस्कार सहित राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनेक पुरस्कार प्राप्त की।

झरना नायक रायगढ़ के प्रतिष्ठित चक्रधर समारोह में कत्थक नृत्य की प्रस्तुति के साथ कई राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं एवं भारत देश के अतिरिक्त श्रीलंका एवं नेपाल में कत्थक की प्रस्तुति देकर रायगढ़ जिला को गौरवान्वित कर आज भी अपनी कला यात्रा को जारी रखी हुई है। बचपन से ही नृत्य संगीत में अपनी अभिरुचि के साथ प्रतिभा बिखेरने वाली नावापाली ग्राम की बेटी डॉ . झरना नायक ने कथक नृत्य जैसे विधा में पीएचडी की उपाधि प्राप्त होने पर बरमकेला क्षेत्र में हर्ष है।

झरना की इस उपलब्धि पर रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक, पूर्व विधायक एवं संगीतज्ञ डॉ.जवाहर नायक, जिला पंचायत सदस्य कैलाश नायक एवं अजय नायक संगीतज्ञ जीतराम निषाद व्याख्याता एवं स्वतंत्र पत्रकार लेखक भोजराम पटेल सहित सामाजिक संगठन के पदाधिकारी व प्रतिष्ठित जनों ने बधाई देते हुए डॉ. झरना के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

झरना बताती है कि माता-पिता दोनों का सपना था बेटी शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छुए और उपलब्धि हासिल करते हुए अपने माता-पिता परिवार सहित रायगढ़ जिले का नाम रोशन करें । पीएचडी करवाना उनके पिताजी स्वर्गीय श्री नेतराम नायक एवं माता श्रीमती हेमकुंवर नायक का सपना था। लंबी बीमारी से ग्रस्त होने की वजह से अवार्ड मिलने के पहले ही पिताजी का निधन हो गया । डॉक्टरेट का यह अवार्ड वह अपने पिताजी को श्रद्धांजलि स्वरुप समर्पित करते हुए झरना कहती हैं इतने विषम परिस्थिति में भी माता हेमकुंवर नायक ने कभी भी उनका मनोबल टूटने नहीं दिया जिससे उसको यह मुकाम हासिल हुआ ।

झरना भावुक होकर कहती हैं कि माता-पिता का आभार तो शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता फिर भी नतमस्तक होकर मैं माँ और स्व. बाबूजी दोनों के प्रति कृतज्ञ हूं जिन्होंने बेटी और बेटे में अंतर ना मानकर मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। गुरू प्रो.डॉक्टर नीता गहरवार के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुए झरना कहती हैं कि उन्होंने मुझे इस लायक बनाया अगर वह मुझे रास्ता नहीं दिखाती तो शायद ही नृत्य के क्षेत्र में आज मैं इस मुकाम तक पहुंच पाती । झरना नायक वर्तमान में दिल्ली निवासी कथक गुरु गौरी दिवाकर जो पंडित जय किशन महाराज एवं गुरु अदिति मंगल दास जी कि शिष्या है, उनसे लगातार नित्य की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं ।

झरना नायक अपने पति हेमचरण नायक का विशेष रूप से धन्यवाद करते हुए कहती हैं कि माता-पिता ने तो यहां तक पहुंचने का मार्ग दिखाया किंतु इस सपने को साकार करने में हर एक मोड़ पर उन्होंने निस्वार्थ भाव से साथ दिया।

संगीत क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक नई पीढ़ी के लोगों को विशेषकर बेटियों को अपना संदेश देते हुए झरना कहती हैं कि नृत्य जैसी विषयों के लिए के लिए आज भी समाज की सोच को बदलने की जरूरत है बच्चों को इस क्षेत्र में आगे लाने की आवश्यकता है तभी भारतीय संस्कृति संरक्षित हो पाएगी । वह कहती है हम अपने कला संस्कृति और शास्त्रीय परंपरा का सम्मान करेंगे तभी दूसरे लोग भी इसका सम्मान करेंगे और यह संरक्षित रह पाएगी ।

इनका भी मिला विशेेेष प्रेरणा और प्रोत्साहन :
झरना को पीएचडी करने की प्रेरणा दादा स्वर्गीय डॉ. शक्राजीत नायक एवं डॉ. मुकुंद लाल नायक जी से मिली, साथ ही दीदी श्रीमती बीनू नायक एवं जीजा जी खिलेश्वर नायक भाई गौरव नायक ने भी इस सफर की हर कठिनाई पर उनका साथ दिया मायके के समस्त सदस्यों एवं ससुराल पक्ष के सदस्यों दोस्तों का भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें सहयोग व प्रेरित किया l झरना का कहना है कि श्री राम कृष्ण त्रिवेदी प्राचार्य ओपी जिंदल स्कूल ने उन्हें बहुत ही प्रोत्साहित किया और पिता की तरह समय-समय पर उनका मार्गदर्शन मिलता रहा l प्राचार्य महोदय भारतीय कलाओं का बहुत ही सम्मान करते हैं l स्टाफ के समस्त शिक्षकों ,एडमिन जिन्होंने इतनी बड़ी उपलब्धि पर उन्हें सराहना प्रदान किया एवं हमेशा आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद दिया जो मेरे लिए सराहनीय और प्रेरक रहा।