उधमपुर । थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि भारतीय सेना स्वदेशी तकनीक से भविष्य के लिए तैयारी करेगी। उन्होंने कहा कि उधमपुर में नॉर्थ टेक संगोष्ठी के तहत आयोजित प्रदर्शनी में डेवलपर्स और स्टार्टअप समुदाय के बीच उत्साह की भावना है। हम ऐसी खरीद करेंगे जिससे हमारे सैनिकों की क्षमता बढ़ेगी। अगले कुछ वर्षों में सैनिकों की जरूरतों से संबंधित प्रमुख प्रौद्योगिकियां आने वाली हैं।
जवानों व अधिकारियों तक स्वदेशी सुविधाओं को पहुंचाना उद्देश्य
नॉर्थ टेक संगोष्ठी का उद्देश्य उन उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की पहचान करना है जो इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रेकी, कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर, इंटेलिजेंस और सूचना क्षेत्र को पूरा करते हैं। राजू मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के आयोजन के दो मुख्य उद्देश्य हैं। एक तो भारतीय इंडस्ट्री को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देना है। दूसरा वर्दी में मौजूद सेना के जवानों व अधिकारियों तक स्वदेशी सुविधाओं को पहुंचाना है।
स्वदेशी इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर सेना को मजबूत बनाया जाएगा। आने वाले दिनों में दोनों हाथ मिलाकर काम करेंगे। खुशी की बात है कि पहली बार नॉर्थ टेक संगोष्ठी में 162 कंपनियों ने हिस्सा लिया है। मौजूदा समय में सेना को मल्टीपल टेक्नोलॉजी की जरूरत है। सर्विलांस उपकरण, शार्ट मीडियम और लांग रेंज उपकरण, दिन व रात के समय सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में मदद करने वाले उपकरणों की जरूरत है।
जवानों की सुविधा व सुरक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी
इसके अलावा ऊंचे पर्वतीय इलाकों में काम करने में मदद करने वाले उपकरण, माइनस 50 से अधिकतम 50 डिग्री तापमान में काम करने में मदद करने वाले, सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाले उपकरण और आधुनिक ड्रोन की जरूरत है। सुरक्षित संचार व्यवस्था, आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, गुड हीटिंग स्वदेशी उपकरणों की भी सेना को आवश्यकता है। सिपाही की सुविधा व सुरक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है।
कसौटी पर खरे उतरे तो सेना में शामिल करेंगे उपकरण
आज की प्रदर्शनी में हमे ज्यादातर ऐसे उपकरण नजर आए हैं जिनकी सेना के बहुत जरूरत है। अब इनको जवानों तक पहुंचाने के लिए काम करना है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए ही अब विशेष तौर पर काम किया जा रहा है। इन उपकरणों के जरिए भविष्य के लिए तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज की प्रदर्शनी में पेश किए गए अपकरण व हथियार 80 प्रतिशत भी हमारी कसौटी पर खरा उतरते हैं तो इनको सेना में शामिल करने पर विचार किया जाएगा।
मिलकर काम करने से मिलती है कामयाबी
ड्रोन, सर्विलांस से भविष्य में हमारी ताकत को बढ़ेगी। सुरक्षा में टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण पहलू होता है। सुरक्षा के लिए तैनात किए गए जवान के साथ हथियार व उपकरणों का भी महत्व होता है। जब जवान और उपकरण मिलकर काम करते हैं तो सफलता मिलती है। प्रदर्शनी में रखे गए जो भी उपकरण सेना में शामिल होंगे तो जवानों की ताकत बढ़ेगी और कुछ उपकरण ऐसे होंगे तो दुश्मनों पर कारगर साबित होगा। इस दिशा में सेना आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पर दिया है जोर
ले. राजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल्पना की है कि सेना को स्वदेशी तकनीक से मजबूत बनाना है। सेना ने इसी को लेकर प्रयास शुरू किए हैं। रक्षा आत्मनिर्भरता व तकनीकी नवीनीकरण के द्वारा उत्तरी कमान सैन्य अभियान की चुनौतियों का निवारण करना है विषय पर ही काम किया जा रहा है। भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
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