कोरबा, 07 मई (वेदांत समाचार)। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि खनिज न्यास मद से जारी प्रतिवर्ष अरबों रुपया का उपयोग नगर निगम नगर पंचायत व शहरी क्षेत्रों में किया जा रहा है, जो गलत है क्योंकि खनिज मद का उपयोग केवल ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों को सर्वांगीण विकास के लिए उपयोग होना चाहिए जो नहीं हो रहा है।
सिन्हा ने आगे बताया कि खनिज न्यास मद का संचालन जिला में जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के सहयोग से राशि का उपयोग करने हेतु समितियां बनाई गई है । जिसके द्वारा समिति में पारित प्रस्ताव में खनिज न्यास मत के धन का उपयोग किया जा रहा है। ऐसा देखा गया है की नगरीय निकाय क्षेत्रों में जहां नगर निगम, नगर पंचायत में स्वयं के फंड के अलावा प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए राशि दी जाती रही है इसलिए शहरी क्षेत्रों में खनिज न्यास मद से कार्य कराना उचित नहीं है क्योंकि कोरबा जिला अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग बहुल क्षेत्र है जो विकास के मामले में पिछड़ चुका है। ऐसा भारत सरकार के सर्वेक्षण के अनुसार बताया गया है। ऐसी परिस्थिति में खनिज न्यास मद का शत प्रतिशत उपयोग ग्रामीण क्षेत्र,पिछड़े हुए इलाकों में पानी की समस्या, सड़क, विद्यालय, तालाब पुलिया आदि विकास की महती आवश्यकता है। वहां खनिज न्यास मद का उपयोग होता है तो ग्रामीण क्षेत्रों से समस्या दूर होगी तथा गरीब ग्रामीण का विकास होगा।
सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा के माननीय विधायक व मंत्री जी कई बार खनिज न्यास मद के उपयोग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं इसलिए शहरी क्षेत्रों में खनिज न्यास मद का उपयोग ना करना ही बेहतर होगा। इस राशि को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में खर्च करना सर्वाधिक उचित समय आ गया है इसलिए विनोद सिन्हा ने शासन से मांग किया है कि कोरबा एक पिछड़ा हुआ जिला है। कोरबा जिले की सर्वांगीण विकास के लिए खनिज न्यास मद का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए ताकि जिले की पिछड़ेपन दूर हो सके।
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