कोरबा : हसदेव के विनाश के खिलाफ किसान सभा ने किया प्रदर्शन

कोरबा, 05 मई (वेदांत समाचार)। हसदेव के जंगल, पर्यावरण और वन्य प्राणियों के संरक्षण और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए देशव्यापी प्रदर्शन के आह्वान पर कल छत्तीसगढ़ किसान सभा ने हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए हसदेव के विनाश के खिलाफ कोरबा जिले के गांवों में किया विरोध प्रदर्शन आयोजित किया।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य एक विशाल व समृद्ध वन क्षेत्र है, जो जैव विविधता से परिपूर्ण है। इस क्षेत्र की समृद्धता, पर्यावरणीय महत्व और आदिवासी अस्तित्व के लिये उसकी आवश्यकता को समझते हुए भी केंद्र और छत्तीसगढ़ राज्यों सरकार मिलकर अडानी कंपनी के मुनाफे के लिए इसका विनाश कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कोयला खनन की अनुमति के पूर्व आदिवासी वनाधिकार कानून के तहत इस क्षेत्र में पीढ़ियों से बसे आदिवासियों के व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकारों की स्थापना की जानी चाहिए थी और पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं की खनन के लिए स्वीकृति ली जानी चाहिये थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने अपने कॉरपोरेट आकाओं की सेवा के लिए इन कानूनों के पालन की कोई जरूरत नहीं समझी, जबकि इस क्षेत्र की 20 ग्राम सभाओं ने कोयला खनन परियोजना का सर्वसम्मति से विरोध किया है और पिछले तीन सालों से वे इसके खिलाफ आंदोलनरत है।

किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर और दीपक साहू ने कहा कि हसदेव अरण्य के नए क्षेत्रों में कोयला खनन से लगभग 6 हजार एकड़ क्षेत्रफल में 4 लाख 50 हजार पेड़ों को काटा जायेगा तथा 3000 से अधिक आदिवासी विस्थापन के शिकार होंगे, जबकि भारतीय वन्य जीव संस्थान सहित पर्यावरण के लिए काम कर रही कई संस्थाओं ने इस क्षेत्र में खनन से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों और आदिवासियों के जबरन विस्थापन से पैदा होने वाले मानवीय संकट के खिलाफ सरकार को चेतावनी दी है।

उल्लेखनीय है कि हसदेव अरण्य के विनाश के खिलाफ 2 मार्च से यहां निवासरत आदिवासी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान सभा नेताओं ने कहा कि हसदेव क्षेत्र की जनता के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं है और हसदेव अरण्य को बचाने की लड़ाई में किसान सभा देश की जनता साथ में खड़ी है।

हसदेव बचाने के लिए देशव्यापी प्रदर्शन के आह्वान पर माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक, पुरषोत्तम, संजय आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रदर्शन में शामिल हुये।