मुख्यमंत्री निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना : कोरबा नहीं ढूंढ पा रहा मुहूर्त, कोरोना की चौथी लहर का इंतजार!

कोरबा,03 मई (वेदांत समाचार)। मुख्यमंत्री निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अपनी विवाह योग्य हो चुकी कन्या का हाथ पीले करने का सपना संजोए निर्धन परिवार का सपना इस साल सपना ही न रह जाए। गत वर्ष 2021 -22 में 150 जोड़ों के लिए प्राप्त 37 लाख 50 हजार के आबंटन में कोरबा में 39 जोड़े नहीं ढूंढ सकी महिला एवं बाल विकास विभाग ने जहां 9 लाख 75 हजार का आबंटन शासन को समर्पित कर डाले , वहीं चयनित 111 जोड़ों के लिए नए वित्तीय वर्ष का एक माह बीत जाने के उपरांत भी आज पर्यंत सामूहिक विवाह का आयोजन सुनिश्चित नहीं कर सकी। मई माह में सीमित वैवाहिक मुहूर्त एवं जून माह में संभावित कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच कहीं चयनित जोड़ों को हाथ पीले करने लंबा इंतजार न करना पड़ जाए।

यहां बताना होगा कि निर्धन परिवार के लिए विवाह योग्य पुत्रियों का विवाह करना काफी मुश्किल भरा कदम होता है । खासकर आजकल के महंगे परिवेश में मजदूरी कर दो जून की रोटी का जुगाड़ कर जीवन यापन करने वाले परिवार को अपनी बिटिया का हाथ पीले करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इन्हीं सब दिक्कतों को देखते हुए निर्धन परिवार की इस चिंता को मुक्त करने छत्तीसगढ़ सरकार ने सन 2004 से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की है । जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ के मूल निवासी ऐसे निर्धन परिवार जिनके यहां 18 साल से अधिक आयु की विवाह योग्य कन्या है उनका विवाह सरकार अपने खर्चे पर संपन्न कराकर ऐसे परिवारों को चिंतामुक्त कर रही। बेटियों का भविष्य संवार रही। इसी कड़ी में आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में भी वित्तीय वर्ष 2021 -22 में 150 जोड़ों का लक्ष्य दिया गया था। प्रति जोड़े 25 हजार की दर से 37 लाख 50 हजार का आबंटन दिया गया था। इस तय बजट में ही सामूहिक विवाह का आयोजन संपन्न कराना था। इसके लिए बकायदा सभी 10 परियोजनाओं से 18 वर्ष से अधिक आयु के अविवाहित कन्याओं के विवाह के लिए आवेदन मंगाए जाने थे । आवेदन सीधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के समक्ष भी लोग प्रस्तुत कर सकते थे । लेकिन इसे बेहद ही लापरवाही भरा कहें कि महिला एवं बाल विकास विभाग वित्तीय वर्ष के समाप्ति के अंत तक तय लक्ष्य अनुरूप जोड़ों का चिन्हांकन नहीं कर सका । 150 जोड़ों के लक्ष्य में 111 पात्र जोड़े ही चिन्हांकित कर सके। उसमें भी 111 जोड़ों का आज पर्यंत सामूहिक विवाह का आयोजन सुनिश्चित नहीं किया जा सका। अब विभाग को कब सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए शुभ मुहूर्त मिलेगा ये तो वो ही जानें पर रेडी टू ईट का संचालन दायित्व बीज निगम की स्थापित इकाइयों को देने के बाद बड़ी जिम्मेदारी से मुक्त हो चुके विभाग के अधिकारियों की यह व्यवस्तता व उदासीनता उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि क्या सभी चयनित जोड़े अभी भी अविवाहित होकर सामूहिक विवाह के आयोजन की राह तक रहे होंगे। इसका जबाब तो महिला एवं बाल विकास के अधिकारी ही बेहतर बता पाएंगे पर सामूहिक विवाह के आयोजन में लेटलतीफी ने चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।

तो क्या घट रहा योजनाओं से रुझान !नहीं ढूंढ पाए 39 जोड़ों ने खड़ा किया सवालिया निशान ,समर्पित करने पड़े 9.75 लाख

जिस तरह गत वर्ष दिए गए 150 जोड़ों के लक्ष्य को महिला एवं बाल विकास विभाग पूरा नहीं कर सकी। महज 111 जोड़े ही चिन्हांकित कर सकी । नतीजन 9 लाख 75 हजार का बजट शासन समर्पित करना पड़ा।इस वाक्ये ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है । योजना को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है । कहीं न कहीं योजना के प्रति निर्धन परिवार में भी उत्साह कम होता जा रहा। इसके पीछे क्या वजह है यह तो विभाग ही जानें पर अर्से बाद ऐसा नजारा देखने को मिला कि लक्ष्य ही पूरा नहीं हो पाया ।

मिली सजा, शासन ने घटा दिए लक्ष्य ,चालू वित्तीय वर्ष में महज 60 जोड़ों का दिया लक्ष्य

गत वित्तीय वर्ष में दिए गए लक्ष्य हासिल न कर सकी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा को इस साल इसकी सजा भी मिली। शासन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री निर्धन कन्या सामूहिक विवाह योजना में महज 60 जोड़ों का लक्ष्य के साथ 15 लाख का बजट दिया है। वाकई ये आंकड़े आदिवासी बाहुल्य देश के 110 आकांक्षी जिलों में शामिल कोरबा के लिए निराशाजनक है।।

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25 हजार में मुश्किल हो जाती है शादी, बढ़ाना होगा बजट

मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना में प्रति जोड़ें 25 हजार रुपए बजट का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है । इतनी कम राशि में बेटियों का विवाह कर पाना मुश्किल होता है हालांकि संख्या अधिक होने की वजह से कुछ आसानी जरूर होती है लेकिन बढ़ती महंगाई में यह बजट नाकाफी साबित हो रही है 25 हजार में ही आयोजन व्यय , वर-वधू के लिए पोशाक आहार सामग्री के साथ ही साथ उनको 1हजार रुपए बैंक ड्राफ्ट /नगद/ चेक के रूप में उपहार स्वरूप दिया जाता है निश्चित तौर पर राज्य शासन को उक्त राशि को बढ़ाना चाहिए ताकि व्यवस्थित तरीके से निर्धन बेटियों का विवाह संपन्न हो सके । बजट की तंगी आयोजन के आड़े न आए। साथ ही सरकार के इस पुनीत आयोजन में समाजसेवियों को भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष में 150 जोड़ों का लक्ष्य मिला था । 111 जोड़े चिन्हांकित हो सके थे। शेष जोड़ों की राशि समर्पित कर दी गई थी। सामूहिक विवाह का आयोजन शीघ्र करेंगे। इस साल का बजट दो दिन पूर्व ही आया है अभी उस बजट में सामूहिक विवाह के आयोजन के लिए वित्तीय वर्ष का पूरा समय बचा है।

  • एमडी नायक, डीपीओ ,महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा

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