निरीक्षक डहरिया को निलंबित करें नहीं तो करेंगे शहर बंद

कोरबा,30अप्रैल( वेदांत समाचार)। विधिक माप विज्ञान ( नाप तौल ) विभाग के निरीक्षक पालसिंह डहरिया के खिलाफ जिला चेंबर आफ कामर्स ने मोर्चा खोल दिया है। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर निरीक्षक पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए तत्काल निलंबित करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि तीन दिनों के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर नगर बंद समेत जिले में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

जिला चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा कि नापतौल निरीक्षक पालसिंह डहरिया के संपूर्ण कार्यकाल की जांच की जानी चाहिए, इससे उनके खिलाफ अनेक गंभीर मामले सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि डहरिया को तत्काल निलंबित करने, नारायण पार्वती धर्मकांटा के संचालक व अन्य के खिलाफ उरगा पुलिस थाना में दर्ज झूठी रिपोर्ट को निरस्त करने के साथ ही निरीक्षक डहरिया को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि निरीक्षक पालसिंह डहरिया द्वारा अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए जिले के व्यापारियों को डरा- धमकाकर अवैध वसूली और भयादोहन करना आमबात हो गई है।

अभी तत्कालिक घटना नारायण पार्वती धर्मकांटा के सत्यापन के लिए दो लाख रूपयों की रिश्वत मांगने एवं पुलिस थाना उरगा में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का सामने आया है।रामसिंह ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि धर्मकांटा संचालक ने 27 नवंबर 2021 को धर्मकांटा संचालन के लिए ई-चालान के जरिए तीन हजार रूपए का भुगतान करने के साथ ही सत्यापन के लिए आवेदन किया। निरीक्षक डहरिया ने धर्मकांटा पहुंचकर रसीद नंबर 418/ 47 के जरिए सात हजार रूपये की राशि पुनः जमा कराया, 25 अप्रैल को धर्मकांटा संचालक से सत्यापन के बदले दो लाख रूपयों की मांग की, संचालक द्वारा देने से इंकार करने पर डहरिया ने मौके पर अश्लील गाली गलौच करते हुए संचालक एवं मौके पर उपस्थित अन्य कर्मचारियों के साथ धक्का- मुक्की की गई। इसके साथ ही धर्मकांटा का मानिटर निकालकर अपने साथ ले गए और संचालक और अन्यों के खिलाफ उरगा पुलिस थाना में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई।

विवाद के दूसरे दिन धर्मकांटा पहुंच किया असत्यापित

अग्रवाल ने कहा कि निरीक्षक डहरिया ने 26 अप्रैल को नारायण पार्वती धर्मकांटा का सत्यापन कराया। इसमें उन्होंने चार बिंदुओं पर धर्मकांटा का असत्यापित होने का कारण दर्शाया गया है। इसमें तौल यंत्र की अधिकतम क्षमता का 10 प्रतिशत अथवा एक टन (जो भी कम हो) के सत्यापित और मुंद्राकित बाट नहीं है। तौल यंत्र की अधिकतम क्षमता के बराबर डमी भार नहीं है। सत्यापन के लिए बाट इत्यादि को रखने एवं उतारने के लिए यांत्रिक अथवा श्रमिकों की समुचित व्यवस्था नहीं है। आवेदन पत्र में अंकित जानकारी भौतिक सत्यापन के समय सही नहीं पाया गया। वहीं जिस मानिटर को जप्त किया, उसका सत्यापन की कार्रवाई में कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। 25 अप्रैल को विवाद होने के बाद 26 अप्रैल को निरीक्षक द्वारा सत्यापन की कार्रवाई करना और धर्मकांटा को असत्यापित करना निरीक्षक के अवैधानिक क्रियाकलापों का स्वयं में प्रमाण है।

जांजगीर- चांपा, रायगढ़ जिले में भी हो चुकी शिकायत

चेंबर अध्यक्ष रामसिंह ने कहा कि निरीक्षक डहरिया कोरबा से पहले जांजगीर- चांपा, रायगढ जिले में पदस्थ रह चुके है। वहां भी इनके द्वारा अवैध रूप से वसूली की शिकायतें मिली हैं। इनके द्वारा व्यापारियों से दुर्व्यवहार करना सामान्य बात थी। इतना ही नहीं डहरिया द्वारा अपने विभाग के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाता था। विभागीय कर्मचारियों ने कलेक्टर और विभाग के अन्य उच्च अधिकारियों से की थी। वहीं इनके खिलाफ चक्रधर नगर पुलिस थाना रायगढ़ में भी शिकायत की गयी थी।

पुलिस से विवाद पर हुआ मामला दर्ज

अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में लाक डाउन के बीच रायगढ़ से कोरबा जिला के अपने गृह ग्राम गोढ़ी आते-जाते थे। इस दौरान रायगढ़ पुलिस के साथ विवाद होने पर एफआईआर दर्ज किया गया। पूर्व में नापतौल विभाग द्वारा प्रति तीन माह में शिविर लगाकर कांटा बाट आदि का सत्यापन किया जाता था। परंतु कोरबा में निरीक्षक पालसिंह डहरिया की पदस्थापना के बाद शिविर लगाना बंद कर दिया गया है। साथ ही लोगों की दुकानों में जाकर छोटे-बड़े व्यापारियों, सब्जी दुकानदारों और अन्य व्यावसायियों को डरा-धमका कर उनका भयादोहन किया जा रहा है।

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