भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। पार्टी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम रमन सिंह समेत दोनों राज्यों के बड़े नेताओं के साथ बैठक की। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भाजपा एमपी में कुछ मंत्रियों को बदल सकती है। यहां पार्टी 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर बहुमत से सत्ता बनाए रखने की कोशिश में है। वहीं, पड़ोसी राज्य में नए चेहरे के साथ चुनाव में उतरने के आसार हैं।
जानकार बताते हैं कि एमपी को लेकर हुई बैठक में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर चर्चाएं की गई। साथ ही परिषदों और बोर्ड्स की नियुक्ति का मुद्दा भी चर्चा में शामिल रहा। अटकलें हैं कि केंद्रीय नेतृत्व सत्ता विरोधी लहर के चलते राज्य सरकार के कुछ चेहरों को बदलने पर विचार कर रहा है।
मध्य प्रदेश कैबिनेट में शामिल होंगे कई नए मंत्री
एक पदाधिकारी ने कहा, ‘राज्य के मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरों के शामिल होने की संभावनाएं है और कई परिषदों और बोर्ड्स में खाली पद भी भरे जाएंगे। हालांकि, यहां गुजरात जैसे स्थिति दोहराए जाने के आसार कम हैं।’ गुजरात में इस साल चुनाव होने हैं और पार्टी ने पहले ही सीएम के साथ पूरी कैबिनेट को बदल दिया गया था।
2018 में MP में भाजपा को लगा था झटका, अब भरपाई की तैयारी
साल 2018 में हुए चुनाव में भाजपा की सीटें 165 से कम होकर 109 पर आ गई थी। वहीं, वोट प्रतिशत भी 41 प्रतिशत पर आ गया था। इससे पहले यह आंकड़ा 43 फीसदी से थोड़ा ज्यादा था। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने का बाद पार्टी राज्य में दोबारा सत्ता हासिल करने में सफल हो गई थी।
बैठक में मौजूद थे जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, सीएम चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, भाजपा महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश महासचिव हितानंद शर्मा और राज्य के मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद थे। साल 2018 में छत्तीसगढ़ गंवाने वाली भाजपा उप चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर भी परेशान है। हाल ही में पार्टी ने खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव हारा। पहले ये सीट भाजपा के खाते में थी।
भाजपा नेता बोले- छत्तीसगढ़ में करने होंगे दोगुने प्रयास
एक अन्य पदाधिकारी ने कहा ‘छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा को प्रयास दोगुने करने होंगे। इसके लिए पार्टी ने OBC और आदिवासी समुदायों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम तैयार किया है। संभावना है कि राज्य में पार्टी नए चेहरे के साथ चुनाव लड़े।’ प्रदेश की बैठक में पूर्व सीएम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साई और प्रदेश महासचिव पवन साई मौजूद थे। खास बात है कि पार्टी एमपी और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदायों के बीच पकड़ मजबूत करने के लिए काम शुरू कर दिया है।
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