नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो से चार मई तक जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री की इस वर्ष की यह पहली विदेश यात्रा होगी।
यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों नेता छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी विचार-विमर्श बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। द्विवार्षिक विशेष मंत्रणा में दोनों पक्षों के कई मंत्री भाग लेंगे। प्रधानमंत्री का चांसलर शोल्ज़ के साथ पहला अन्तर-सरकारी विमर्श होगा। जर्मनी में पिछले दिसम्बर में नई सरकार के कामकाज संभालने के बाद दोनों देशों के बीच पहली अन्तर सरकारी विचार-विमर्श बैठक होगी। यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर शेाल्ज़ संयुक्त रूप से एक कारोबारी कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। श्री मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन के निमंत्रण पर राजधानी कोपेनहेगन जाएंगे। श्री मोदी वहां दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। डेनमार्क ने इस सम्मेलन का आयोजन किया है। श्री मोदी डेनमार्क के प्रधानमंत्री फ्रेडरिकसन और क्वीन माग्रेट द्विवीतीय के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री की डेनमार्क यात्रा से दोनों पक्षों को प्रगति की समीक्षा करने और बहुआयामी सहयोग को और आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों को परखने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री भारत-डेनमार्क व्यापार मंच के कार्यक्रम में भाग लेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित करेंगे।
भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री श्री मोदी अन्य नॉर्डिक नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे, इनमें आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवाचार और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर विशेष चर्चा होने की संभावना है। पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था।
विदेश यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री श्री मोदी कुछ समय के लिए पेरिस में रूकेंगे, जहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। भारत और फ्रांस इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक सामरिक साझेदारी को और महत्वपूर्ण बनाने के लिए कार्यसूची निर्धारित करेगी।
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