रायपुर, 23 अप्रैल (वेदांत समाचार) । पिछले 44 दिनों से अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे विद्युत् संविदा कर्मचारियों पर शनिवार को पुलिस का कहर टूट पड़ा। लोग जब सोकर नहीं उठे थे तब पुलिस उन्हें डंडे से मार मार कर जगा रही थी।40 प्रदर्शनकारियाें को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया गया है । पुलिस वाले धरनास्थल पर लगे पंडाल भी साथ ले गए। बताया जा रहा है कि पुलिस की लाठीचार्ज में 15 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के आंदोलन को समाप्त करवाने जिला प्रशासन के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ शनिवार की सुबह -सुबह राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पहुंचे। जहां प्रदर्शनकारियों को धरना आंदोलन समाप्त करने की चेतावनी के बाद अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किए जाने के बावजूद छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य सिर पर हाथ रखकर शांति से बैठ गए।
जिस वक्त पुलिस आंदोनकारियों को पीट पीट कर घसीटकर बसों में ठूंस रही थी उस वक्त वहां जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद थे।विद्युत् संविदा कर्मचारी पिछले 44 दिनों से अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे हुए हैं। पिछले दो महीने से आंदोलनरत इन विद्युत् संविदा कर्मचारियों द्वारा काम बंद करने के कारण विद्युत् लाइन की मरम्मत और मेंटनेस दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
इससे पहले शुक्रवार को देर शाम राजधानी में आंदोलनरत संविदा विद्युतकर्मी मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले। इनके इस आंदोलन में फर्जी आइडी लेकर आधा दर्जन से अधिक लोगों के घुसने से बवाल मच गया। आंदोलनरत कर्मियों के अनुसार, इन लोगों ने आंदोलन के एजेंडे से हटकर नारे लगाए।
संविदाकर्मियों का आरोप लगाया है कि हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन में विघ्न डालने के लिए षड़यंत्र रचा जा रहा है।मुख्यमंत्री निवास घेराव करने के लिए निकले विद्युतकर्मियों को पुलिस ने स्मार्ट सिटी दफ्तर के पास बेरीकेड लगाकर रोक दिया था । इस बीच पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हो गई। दूसरी ओर, पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने के लिए स्ट्रीट लाइन और धरना स्थल की बिजली काट दी। इससे और बवाल हो गया।
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