सुकमा । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्राभावित सुकमा ज़िले के जगरगुंडा इलाक़े की यह तस्वीर देख कर आप भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की सराहना करते नही थकेंगे। दरअसल कोंटा विकासखंड के ग्राम जगरगुंडा के अंतर्गत आने वाले कोंडासावली पंचायत के दूरमा गांव की एक गर्भवती महिला की प्रसव पीढ़ा की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी गई।
जिसके बाद तड़के सुबह 4 बजे एम्बुलेंस लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दुरमा ग्राम के लिए रवाना हुए। गांव पहाड़ी क्षेत्र से घिरे होने और पक्के पहुंच मार्ग ना होने के कारण कुछ दूर तक एंबुलेंस जाने के बाद सड़क ना होने के चलते एम्बुलेंस को जंगल पर ही छोड़ दिया गया और कर्मचारी पैदल ही गाँव पहुँचे । जहां गर्भवती महिला की हालत गंभीर होता देख स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइज़र मनोहर पोडियम और एंबुलेंस चालक बाबूलाल ने महिला को जल्द से जल्द उपचार पहुंचाने के लिए स्वयं महिला को खाट पर उठा कर पैदल ही पगडंडी के रास्ते गर्भवती को जंगल में खड़े एम्बुलेंस तक पहुंचाया।
जहां से महिला को समय रहते जगरगुंडा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जानकारी के मुताबिक समय रहते अस्पताल पहुंचने के कारण गर्भवती महिला का तकरीबन एक घंटे के बाद प्रसव नॉर्मल तरीके से हुआ। प्रसूता ने पुत्र को जन्म दिया है, जच्चा बच्चा दोनो ही अब स्वस्थ हैं।
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