K0RBA: इंग्लिश चैनल पार करने वाली तैराक वंदिता बनी कोरबा की बहू


0 कटघोरा अपने ससुराल पहुंची वंदिता ने कहा- छत्तीसगढ़ की हरियाली भा गई
कोरबा, 20 अप्रैल (वेदांत समाचार)।इंग्लिश चैनल समुद्र पार करने वाली उत्तराखंड की अंतरराष्ट्रीय तैराक वंदिता धारीयाल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की बहू बन गई है। यहां के कटघोरा में रहने वाले प्रोफेसर मदनमोहन जोशी के पुत्र डा वैभव जोशी के साथ 16 अप्रैल विवाह सूत्र में बंधी। बुधवार को वंदिता कटघोेरा पहुंची। यहां गुरूवार को एक निजी होटल में पारिवारिक समारोह का आयोजन किया गया है।

गुजरात में जा बसे उत्तराखंड के बेरीनाग (पिथौरागढ़) कुमाऊं में रहने वाले उद्योगपति योगेश धारीयाल की पुत्री वंदिता ने फिना वर्ल्ड चैंपियनशिप और इंग्लैड से फ्रांस तक 13 घंटे के इंग्लिश चैनल समूद्र पर तैरते हुए पार करने की उपलब्धि हासिल की है। कटघोरा के पं मुकुटधर पांडेय शासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापक मदनमोहन जोशी के पुत्र डा वैभव जोशी के साथ कुमाऊंनी रीति रिवाज से वंदिता 16 अप्रैल को विवाह हुआ। कटघोरा पहुंची वंदिता से चर्चा करते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि मेरा विवाह कुमाऊं की संस्कृति से जुड़े परिवार से हुआ है।

मैं भले ही अहमदाबाद में पली बढ़ी, पर अपने पिता के साथ कुमाऊं में मेरा आना जाना लगा रहा। यही वजह है कि विवाह समारोह के लिए कुमाऊं को चुना। वंदिता का कहना है कि वह शादी से पहले भी छत्तीसगढ़ आई थी। उन्हें यहां की भाषा बहुत अच्छी लगती है। यहां के लोग काफी सीधे व सरल हैं। वंदिता को छत्तीसगढ़ की हरियाली भा गई है, उनका कहना है कि कटघोरा में पशु- पक्षियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देती है। इससे यहां की जैव विविधता की संपन्नाता बयां हो रही। उन्हें यहां का चांवल भी बेहद पसंद आया है। उनका कहना है कि डा वैभव बिट्स पिलानी केके बिरला गोवा कैंपस में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। भविष्य में वंदिता पति के साथ वहीं रहेंगी\

उन्होंने बताया कि इंग्लैंड और फ्रांस के बीच 36 किलोमीटर की दूरी को पार करने के बाद अब उनका अगला लक्ष्य क्राउन चैनल है। विश्व में अलग- अलग सात चैनल हैं, उसकी कोशिश रहेगी कि वह उन चैनलों को भी पार करे। वह चाहती है कि सरकार रोजगार मूलक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के साथ खेल को भी महत्व दे और युवाओं को इसके लिए प्रेरित करे। मैं यदि किसी युवा को भी इसके लिए प्रेरित कर सकूं तो वह मेरा सौभाग्य होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मिल चुका है पुरस्कार
वंदिता ने बताया कि जब वह तीन साल की थी, तब वह तैराकी सीखना शुरू कर दिया था। वर्ष 2009 में विश्व एक्वेटिक्स चैंपियनशिप में विभिन्ना तैराकी प्रतियोगिता में भाग लिया था। वर्ष 2009 में ही एशियाई इंडोर खेलों में शार्ट कोर्स तैयारी में भाग लिया था। इसके बाद वर्ष 2010 में दक्षिण एशियाई खेलों में 100 मीटर बटरफ्लाइ तैराकी में रजक पदक जीता था। वर्ष 2017 में अंग्रेजी चैनल तैरने वाली गुजरात राज्य की पहली महिला बनीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों वंदिता को पुरस्कार भी मिल चुका है।