⭕ डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित हुए विभिन्न कार्यक्रम ।
⭕ आकर्षक पोस्टर एवं स्लोगन के द्वारा विद्यार्थियों ने लोगों को किया संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक ।
कोरबा, 15 अप्रैल (वेदांत समाचार)। अम्बेडकर जयन्ती या भीम जयन्ती डाॅ. भीमराव आम्बेडकर जिन्हें डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले अम्बेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। अम्बेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल अपने गुणवत्तापूर्ण अद्वितीय शैक्षणिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है यहां प्रत्येक विशेष दिन को विभिन्न गतिविधियों एवं क्रियाकलापों के द्वारा सेलिब्रेट कर बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करने का प्रयास किया जाता है इसी श्रृंखला में 14 अप्रैल अर्थात भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पावन जयंती को भी एक विशेष तरीके से मना कर विद्यार्थियों को एक संदेश देने का प्रयास किया गया । सर्वप्रथम ने विद्यार्थियों ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विभिन्न आकर्षक पेंटिंग बनाएं तथा विद्यार्थियों के अन्य समूहों ने बाबासाहेब के वाक्यों एवं संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों को चार्ट पेपर में स्लोगन लिखकर लोगों को जागरूक करने प्रयास किया । विद्यालय की छात्रा कुमारी पायल सहारन एवं कुमारी अन्वी सिंह ने आकर्षक पेंटिंग बनाकर सबका मन मोह लिया । कक्षा ग्यारहवीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों ने छात्र संसद के द्वारा विभिन्न नागरिक अधिकारों एवं कर्तव्यों के बारे में चर्चा की पक्ष-विपक्ष की भूमिका का निर्वाह करते हुए छात्र-छात्राओं ने एक स्वस्थ चर्चा का आयोजन किया । उपरोक्त सभी गतिविधियां सामाजिक विज्ञान की वरिष्ठ अध्यापिका श्रीमती शैलजा राव एवं श्री संजीव चौधरी के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ कई विद्यार्थियों ने बाबा साहेब के वचन शिक्षित बनो संगठित बनो एवं संघर्ष करो को अपने स्लोगन में विशेष स्थान दिया ।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का संपूर्ण जीवन हम सबके लिए प्रेरक है । उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न अपमान और तकलीफ है झेली है फिर भी वे अपने लक्ष्य से नहीं हटे । उन्होंने समाज में फैली जातिगत भेदभाव असमानता शिक्षा जैसी विभिन्न कुरीतियों को दूर करने में विशेष योगदान दिया तथा समाज को जागरूक किया उन्होंने विश्व का सबसे वृहद व लिखित संविधान का निर्माण कर राष्ट्र को समर्पित किया जिसके लिए संपूर्ण देशवासियों आजीवन उनका आभारी रहेंगे उन्होंने राष्ट्र को नई दिशा दी ।
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