कोरबा : सामाजिक बहिष्कार से त्रस्त पीड़ित परिवार ने कलेक्टर के जनचौपाल में लगाई गुहार, ग्रामीणों ने 3 माह से बंद किया हुक्का पानी बेटी की शादी में नहीं जाने का फरमान

कोरबा, 12 अप्रैल (वेदांत समाचार) । जिले के करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत रोगदा में निवासरत हेमलाल पटेल को पट्टे में मिली भूमि पर मछली पालन करने की सजा सामाजिक बहिष्कार के रूप में एक ग्रामीण को सपरिवार भुगतना पड़ रहा । ग्रामीणों ने पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया है। पिछले 3 माह से ग्रामवासियों की प्रताड़ना झेल रहे परिवार ने मंगलवार को कलेक्टर जनचौपाल में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई । थाना प्रभारी को शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से व्यथित पीड़ित परिवार ने शीघ्र न्याय नहीं मिलने की सूरत में घातक कदम उठाने की चेतावनी दी है।

मामला करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत रोगदा का है। यहां हेमलाल पटेल पिता स्व. पन्डू पटेल सपरिवार निवासरत हैं। हेमलाल पिछले 8 वर्षों से अपने पट्टे में मिली भूमि खसरा नम्बर 269 रकबा 0.105 हेक्टेयर पर बनाए गए तालाब में मछली पालन कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते आ रहे हैं लेकिन यह कार्य ग्रामवासियों को नागवार गुजर रहा है। ग्राम वासियों ने सरपंच पर दबाव बनाते हुए हेमलाल पटेल की निजी तालाब को शासन की मनरेगा योजना अंतर्गत दिए जाने का दबाव बनाया। आजीविका के लिए एक मात्र साधन होने की वजह से हेमलाल ने इसे शासन को देने से इंकार कर दिया। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने हेमलाल पटेल का सामाजिक बहिष्कार कर पिछले 3 माह से हुक्का पानी बन्द कर दिया है। बकायदा को चेतावनी दी गई हेमलाल पटेल के परिवार को राशन एवं अन्य सामान देने पर कड़ाई से अर्थदंड वसूला जाएगा। जिसकी वजह से ग्रामीणों ने परिवार का हुक्का पानी बन्द कर दिया है।

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हेमलाल को 8 मई को होने वाली अपनी छोटी पुत्री के विवाह की चिंता सताई जा रही है । दबंगों ने ग्रामीणों को शादी में शरीक नहीं होने की चेतावनी दे रखी है। लिहाजा न्याय की आस लेकर हेमलाल ने 19 मार्च 2022 को थाना प्रभारी उरगा को लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई । लेकिन यहां भी उन्हें न्याय नहीं मिला ।परेशान हेमलाल पटेल मंगलवार को कलेक्टर जनचौपाल में न्याय की गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि उनका पूरा परिवार सामाजिक बहिष्कार एवं हुक्का पानी बन्द होने से दाने दाने का मोहताज हो गया है। रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए दूसरे गांव जाना पड़ रहा है। ग्रामवासियों ने बातचीत भी बन्द कर दी है। हेमलाल ने कहा है कि उनके परिवार के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर ग्रामवासी रोगदा जिम्मेदार होंगे।