देवघर में रविवार शाम हुए रोपवे हादसे में जहां 2 महिलाओं की जान चली गई तो करीब 50 पर्यटक अब भी 2000 फीट की ऊंचाई पर फंसे हुए हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद करीब 20 घंटे बाद भी इन्हें उतारा नहीं जा सका है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर को भी रेस्क्यू मिशन पर लगाया गया है लेकिन तारों की वजह से इन्हें हेलिकॉप्टर को ट्रॉलियों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। लोगों तक ना खाना पहुंच जा रहा है और ना ही पानी। नीचे अब परिजनों का सब्र भी जवाब देने लगा है।
रविवार शाम देवघर से 22 किमी दूर त्रिकूट पहाड़ पर बड़ा हादसा हो गया। रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक रोपवे पर सवार होकर रोमांच का आनंद ले रहे थे। तभी तार टूटने से एक ट्रॉली नीचे गिर पड़ा। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर से अधिक पर्यटक घायल हो गए। रेस्क्यू कर लाए गए 7 घायलों को देवघर सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनमें से एक बच्चे और महिला की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। 12 ट्रॉलियों में करीब 50 लोग ऊपर ही लटके रह गए।
देर रात तक यात्रियों को सुरक्षित उतारने की कोशिशें जारी थी, लेकिन ऊंचाई के साथ अंधेरा होने के कारण उन्हें निकाल पाना मुश्किल हो रहा था। सुबह सेना को मदद के लिए बुलाया गया। एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टरों के सहारे पर्यटकों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
देवघर के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि सभी पर्यटक से संपर्क में हैं। एयरफोर्स के 2 चॉपर पहुंचे हैं। इंडियन आर्मी, एटीबीपी, एनडीआरएफ और इंडियन एयरफोर्स के स्पेशल कमांडो उनका रेस्क्यू करेंगे। सभी समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि कितनी देर में सबको उतार लिया जाएगा तो उन्होंने कहा कि यह टेक्निकल बात है। सभी एक्सपर्ट काम कर रहे हैं। सभी को पूरा विश्वास है कि रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
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