“ढाई आखर प्रेम का” सांस्कृतिक यात्रा की हुई शुरुआत, नफरत के प्रतिरोध स्वरूप प्रेम का प्रसार

रायपुर. आजादी के 75 साल के अवसर पर शनिवार को इप्टा ने ‘ढाई आखर प्रेम का’ सांस्कृतिक यात्रा की शुरुआत राजधानी रायपुर से की. इप्टा के महासचिव राकेश वेदा कहा कि इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य वर्तमान समय में जिस तरह से नफरत फैलाई जा रही है उसके प्रतिरोध स्वरूप प्रेम का प्रसार करना है. आज लोगों को नफरत की नहीं प्रेम की जरूरत है.

इस महत्वपूर्ण और प्रासंगिक यात्रा की शुरुआत नगर निगम गार्डन रायपुर से हुई. इस यात्रा को इप्टा के महासचिव राकेश वेदा नें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके पहले नगर निगम गार्डन, रायपुर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. आयोजन में यात्रा के उद्देश्य को बताते हुए इप्टा के महासचिव राकेश वेदा नें कहा कि कला जनता के नाम प्रेम पत्र होता है. कला प्रेम के प्रसार का एक सशक्त माध्यम है.

ढाई आखर प्रेम का : सांस्कृतिक यात्रा की हुई शुरुआत, नफरत के प्रतिरोध स्वरूप प्रेम का प्रसार

प्रेम के आभाव में टूट जाता परिवार हो या देश

इस संबोधन के पश्चात नाचा थिएटर के वरिष्ठ रंगकर्मी निसार अली और उनके साथियों नें एक बेहतरीन गम्मत ‘ढाई आखर प्रेम का’ की प्रस्तुति दी. इस गम्मत में यह बताया गया कि परिवार हो या देश प्रेम के आभाव में टूट जाता है. प्रेम लोगों को जोड़ता है. लेकिन दूषित सत्ता लोगों को बांटने का लगातार कुत्सित प्रयास करती है. इस गम्मत का निर्देशन रंगमंच और नाचा के सिद्धहस्त निर्देशक निसार अली ने किया.

ढाई आखर प्रेम का : सांस्कृतिक यात्रा की हुई शुरुआत, नफरत के प्रतिरोध स्वरूप प्रेम का प्रसार

सिद्धहस्त लेखक और अभिनेता निसार अली

निसार अली एक सिद्धहस्त लेखक और अभिनेता भी हैं. उन्होंने जोक्कड़ की भूमिका में अपनी कौशल का लोहा मनवाया, जो वो लगातार करते रहे हैं. दूसरे जोक्कड़ के भूमिका में देव नारायण नें उनका बखूबी साथ दिया. नजरिया के रूप में परमा नें ख़ूब वाहवाही बटोरी. गंगा राम, पुराणिक और साथियों ने भी इस गम्मत में अपनी छाप छोड़ी. इसके बाद सांस्कृतिक यात्रा प्रारंभ हुई जिसकी अगुवाई इप्टा के वरिष्ठ साथी कर रहे थे.

पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपणिया ने दी प्रस्तुति

यात्रा नगर निगम गार्डन से ओसीएम चौक, आकाशवाणी होते हुए संस्कृति विभाग के मुक्ताकाशी मंच पर पहुंची, जहां पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपणिया का कबीर गायन सम्पन्न हुआ. पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपणिया की ख्यति पूरे देश के साथ साथ दुनियां में भी है. टिपणियां कबीर गायन के अग्रिम पंक्ति के वरिष्ठ कलाकार हैं. उन्होंने कबीर के भजनों की शानदार प्रस्तुति कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

ढाई आखर प्रेम का : सांस्कृतिक यात्रा की हुई शुरुआत, नफरत के प्रतिरोध स्वरूप प्रेम का प्रसार

सांस्कृतिक यात्रा के उद्देश्य

कबीर गायन के पहले पुनः इप्टा के महासचिव राकेश वेदा ने सांस्कृतिक यात्रा के उद्देश्य से दर्शकों को परिचित कराया. उन्होंने बताया कि यह यात्रा रायपुर (छत्तीसगढ़) से होते हुए छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न शहर होते हुए 18 मई को इंदौर में सम्पन्न होगी. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्मकार, रंगकर्मी, छात्र नौजवान, चिकित्सक और गणमान्य नागरिक मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन ईश्वर सिंह दोस्त नें किया.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]