दर्दनाक घटना : घर में रखे सरसों के सूखे पौधे में अचानक लगी आग, कोरवा जनजाति के दो बच्चों की मौत

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे झारखंड के भंडरिया थाना क्षेत्र के बड़गड़ आउटपोस्ट अंतर्गत टेहरी पंचायत के बहेराटोली गांव में खेलने के दौरान घर में लगी आग से झुलस कर कोरवा जनजाति के दो बच्चों की मौत हो गई। एक गंभीर रुप से झुलस गया।

घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह लगभग 10: 30 बजे राजनाथ कोरवा की चार वर्षीय पुत्री रूबी कुमारी, बिगन कोरवा का चार वर्षीय पुत्र चंद्रकेश कोरवा तथा छह वर्षीय चंदन कोरवा अपने घर के बगल में टिगड़ा कोरवा के मकान के बरामदे पर खेल रहे थे। बरामदे पर रखे सरसों के सूखे पौधे में अचानक आग लग गई।आग लगने के बाद बिगन कोरवा का छह वर्षीय पुत्र चंदन कोरवा झुलसने के बाद दौड़ कर गांव से सटे नाले की तरफ चला गया। बाकी दो मासूम बच्चे आग की लपटों में घिर गए, जिससे झुलस कर घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार घटना के वक्त घर में बच्चों के अलावा कोई अन्य सदस्य नहीं था।बच्चों के स्वजन उन्हें घर में ही छोड़कर भोर में ही महुआ बीनने गांव से लगभग पांच किलोमीटर दूर जंगल गए हुए थे। घटना की सूचना गांव के लोगों द्वारा उन्हें जंगल में ही दी गई जिसके पश्चात स्वजन घटनास्थल पर पहुंचे। आग लगने से टिगड़ा कोरवा के घर में आवास बनाने के लिए रखे सीमेंट, अनाज, कपड़ा सहित अन्य सामान पूरी तरह जल गए। मकान को भी काफी नुकसान पहुंचा है. घटना की सूचना पाकर बीडीओ विपिन कुमार भारती ने घटनास्थल पर पहुंच कर घटना का जायजा लिया। प्रभावित परिवारों को तत्काल सहयोग के रूप में पांच- पांच हजार रुपये नकद तथा पचास- पचास किलो चावल प्रदान किया। घटना की सूचना पाकर बड़गड़ आउट पोस्ट प्रभारी कुंदन कुमार सिंह ने घटना स्थल पर पहुंच कर घटना का जायजा लिया।

सीआरपीएफ के जवानों ने की मदद

बहेराटोली गांव में आज सुबह दिल दहला देनी वाली आगजनी की घटना में वहां पिकेट में तैनात सीआरपीएफ 172 अल्फा बटालियन के जवान देवदूत बनकर पहुंचे जिनके प्रयास से समय रहते आग पर काबू पाया जा सका। प्रत्यक्षदर्शी सीआरपीएफ सहायक कमांडेंट नीरज कुमार, इंस्पेक्टर फकीरा सिंह,हवलदार मुरलीधर यादव,रामनिवास ने बताया की कैंप के अंदर पोस्ट पर तैनात एक जवान की नजर मकान से उठ रही आग के लपटों पर पड़ी जिसकी तत्काल सूचना वायरलेस के माध्यम से अपने वरिष्ठ अधिकारी को दी। जानकारी मिलते ही कैम्प में तैनात दर्जनों जवान आग बुझाने के लिए पहुंचे लेकिन उन्हें अंदाज नहीं था की वहां बच्चे भी आग से घिरे हैं।जवानों के पहुंचते तक आग विकराल रूप धारण कर चुका था।काफी मशक्कत के बाद जवानों ने आग पर काबू पाया।पूरी तरह आग बुझाने के बाद देखा गया कि दो बच्चों का पूरी तरह झुलसा हुआ शव पड़ा हुआ है। जिसकी सूचना सीआरपीएफ के जवानों द्वारा भंडरिया थाने को दी गई। आग से गंभीर रूप से झुलसे तीसरे बच्चे चंदन कोरवा को सीआरपीएफ के जवानों ने कैंप में प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए अपने एम्बुलेंस वाहन से भंडरिया अस्पताल भेजा है।

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