हिमाचल प्रदेश सरकार ने कक्षा 9 से सभी छात्रों को श्रीमद भगवद गीता भी पढ़ाई कराए जाने का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने दी। इसके पहले गुजरात के स्कूल सिलेबस में भगवद गीता को शामिल किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार दोनों राज्यों में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कक्षा 9 से सभी छात्रों को भगवद गीता पढ़ाई जाएगी। शिक्षा मंत्री मंडी के दरंग क्षेत्र स्थित पधर गांव में लोक निर्माण विभाग के संभागीय कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों को शुभकामनाएं दी।
गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा था कि कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए भगवद गीता को स्कूल सिलेबस के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा।
इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल करने की इच्छा जताई थी। मंत्री ने कहा कि भगवद् गीता में मौजूद नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय केंद्र की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि एनईपी आधुनिक और प्राचीन संस्कृति, परपंराओं एवं ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की हिमायत करती है, ताकि छात्र भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व महसूस कर सकें।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए वघानी ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों ने इस प्राचीन हिंदू ग्रंथ में रेखांकित किये गये नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकार किया है। इसलिए हमने कक्षा 6 वीं से 12वीं कक्षाओं तक के पाठ्यक्रमों में भगवद् गीता को शामिल करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि ग्रंथ के आधार पर स्कूल प्रार्थना, श्लोक का पाठ, गद्यांश, नाटक, क्विज, पेंटिंग जैसी गतिविधियां भी आयोजित करेंगे। मंत्री ने कहा कि पुस्तक एवं ऑडियो-वीडियो सीडी जैसी अध्ययन सामग्री सरकार द्वारा विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी।
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