नई दिल्ली 5 अप्रैल (वेदांत समाचार): सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए कभी-कभार कुछ ऐसा दिख जाता है, जिसे लेकर हम सोच में पड़ जाते हैं कि क्या ये सच है? इन दिनों Twitter पर एक ऐसा ही पोस्ट वायरल हो रहा है। दरअसल, हम जानते हैं कि आज भी भारत के कई हिस्सों में दहेज प्रचलित है। यह ना सिर्फ एक पितृसत्तात्मक अवधारण है, बल्कि महिलाओं के लिए परेशानी का सबब भी। इसके बावजूद दहेज के ‘फायदे’ बताने वाली एक पाठ्य पुस्तक है, जो स्वाभाविक रूप से स्थिति को बदतर बनाती है! इस किताब को लेकर ही ट्विटर पर बहस छिड़ गई है, जिस पर पब्लिक अपनी राय रख रही है।
यह तस्वीर ट्विटर यूजर @chhuti_is ने 3 अप्रैल को शेयर किया, और कैप्शन में लिखा- भारत में कॉलेज की पाठ्य पुस्तक। उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है। क्योंकि जो किताब का चैप्टर उन्होंने शेयर किया है, उसमें दहेज प्रथा के फायदे गिनाए गए हैं। अबतक इस पोस्ट को 10 हजार से अधिक लाइक्स, 2.8 हजार रीट्वीट्स और सैकड़ों कमेंट्स मिल चुके हैं। लोग लगातार इस मामले पर टिप्पणी कर रहे हैं।
उन्होंने अगले ट्वीट में दावा किया कि यह समाजशास्त्र की किताब (Sociology Book) नर्सों के लिए है, जिसे भारत के एक प्रमुख ‘पाठ्य पुस्तक प्रकाशन हाउस’ द्वारा किया गया है।
यह किताब नर्सों के लिए Sociology की पाठ्य पुस्तक है। इसकी लेखिका टीके इंद्राणी। पेज 122। चैप्टर 6। सेकंड एडिशन। अमेजन पर 4.5 रेटिंग है। जी हां, 4.5 रेटिंग।
क्या लिखा गया है बुक में?
1. दहेज नया घर बसाने में मददगार होता है। भारत के कुछ हिस्सों में दहेज के रूप में घर का सामान देने की परंपरा है। इसके तहत फ्रिज, बर्तन, कपड़े, टेलीविजन, पंखा, गद्दे, चारपाई और यहां तक की वाहन भी मिलता है।
2. पैतृक संपत्ति में हिस्सा। लड़की को दहेज के रूप में पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा मिलता है।
3. लड़कियों में शिक्षा का प्रसार। दहेज के बोझ के कारण बहुत से माता-पिता ने अपनी बेटियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है। क्योंकि जब लड़कियां पढ़ी-लिखी, या नौकरीपेशा होंगी तो दहेज की मांग भी कम होगी। इस प्रकार यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है।
4. सुंदरता के सामाजिक पैमाने पर खरा ना उतरने वाली लड़कियों की शादी आकर्षक दहेज के चलते अच्छे या औसत दिखने वाले लड़के से की जा सकती है।
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