रायपुर 5 अप्रैल (वेदांत समाचार) । राजधानी रायपुर के देवपुरी मुख्य मार्ग से महज एक किलोमीटर से कम दूरी पर हुई डकैती की घटना ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। 15 से 20 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। आधी रात पहुंचे डकैतों के तरीके ने पुलिस वालों को चौंका दिया है। छह लोग चेहरे पर कपड़े बांधकर साहू निवास में घुसे थे। घर के बाहर लिखा है- कुत्ते से सावधान, लेकिन डकैतों को जैसे पहले से पता था कि कुत्ता लंबे समय सेे बीमार है। उन्हें यह भी कहीं-न-कहीं से पता था कि घर का दरवाजा खुला रखा जाता है, इसलिए उन्होंने बेखौफ अंदर जाकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया।
मेडिकल कारोबारी दिनेश साहू ने आपबीती बताई कि वह रात नौ बजे घर आ गए थे। नवरात्र चल रही है तो पूजापाठ करने के बाद सब सोने चले गए। नवरात्र की वजह से वह हाल में बने मंदिर के पास जमीन पर बिस्तर बिछाकर सोते हैं। पत्नी बेडरूम में, वहीं बेटा ऊपर वाले रूम में सोता है। घर के कुत्ते के होने की वजह से अक्सर दरवाजा खुला ही रहता था। रविवार की रात लगभग तीन बजे पहले दिनेश के पास दो नकाबपोश पहुंचे और चुप रहने को कहा।
इसके बाद अंदर के रूम से बेड सीट फाड़कर उनके हाथ-पैर बांध दिए। पत्नी मधू साहू को आहट हुई। जब तक वह उठतीं, तब तक दो डकैत उनके पास पहुंच गए और चुप रहने की चेतावनी दी। दोनों के मोबाइल फोन छीन लिए। इसके बाद बेडरूम की आलमारी का लाक तोड़कर अंदर रखी नकदी एक लाख रुपये और तकरीबन नौ लाख के जेवर निकाल लिए और फरार हो गए।
पहली डकैती, जिसमें वाहन चुराकर ले गए
राजधानी में घटित डकैती की घटनाओं में साई वाटिका की घटना बिल्कुल अलग पैटर्न की है। बिना किसी हिंसा के डकैतों ने रकम और जेवर निकलवाने के लिए दबाव बनाया। जाते समय घर के बाहर रखी एक्टिवा भी साथ लेकर गए। एक्टिवा में एक ही भागा। पांच पैदल ही दूसरे रास्ते से भागे।
रेकी करके दिया वारदात को अंजाम
जिस तरह से वारदात का तरीका है, यह पहले से रेकी किया हुआ है। आशंका है कि डकैती की प्लानिंग के पहले कालोनी की अच्छी तरह से रेकी की गई। ऐसे घर को टारगेट किया गया, जहां से भागने के लिए चारों तरफ रास्ता खुला था। प्रार्थी दिनेश का मकान भी ठीक उसी जगह पर है, जहां करीब के हिस्से में बाउंड्रीवाल कई जगहों से टूटी हुई है। दीवार फांदने के बाद सीधे मेन रोड मिलती है।
छह टीमें जुटीं जांच में
डकैती के मामले को सुलझाने में छह टीमें लगी हैं। टिकरापारा थाने के अलावा एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम लगी हुई है। तकनीकी टीम अलग काम कर रही है। वहीं दूसरी टीमें लोकल गिरोह की तलाश में हैं।
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