भाजपा के आजीवन सदस्यता अभियान को करारा झटका, जानिए क्‍या है पूरा मामला

रायपुर 5 अप्रैल (वेदांत समाचार)  छत्तीसगढ़ में भाजपा के आजीवन सदस्यता अभियान को करारा झटका लगा है। प्रदेश भाजपा ने जो लक्ष्य तय किया है, अब तक उसकी आधी भी सदस्यता निधि जमा नहीं हो पाई है। केंद्रीय संगठन ने 30 अप्रैल तक सदस्यता निधि जमा करने की तारीख बढ़ा दी है। रायपुर जिले में पिछले कार्यकाल में एक करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे सत्ता में रहने के कारण पूरा कर लिया गया।

इस बार यह लक्ष्य आधा भी पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा प्रदेश संगठन ने मंडल स्तर पर एक लाख से 15 लाख रुपये तक की सदस्यता रसीद भेजी थी, लेकिन अधिकांश मंडलों से अब तक राशि प्रदेश कार्यालय तक नहीं पहुंची है। चौंकाने वाली बात यह है कि आजीवन सदस्यता के लिए कार्यकर्ताओं ने चेक से भुगतान किया था, जो अब बाउंस भी होने लगा है।भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश संगठन की तरफ से कार्यकर्ताओं को जब सदस्यता निधि की राशि जमा करने के लिए फोन जा रहा है, तो उनके जवाब सुनकर पदाधिकारियों के होश उड़ रहे हैं। एक कार्यकर्ता ने तो यहां तक कह दिया कि 15 साल सत्ता में रहने के दौरान जिन लोगों ने मलाई खाई है, उससे क्यों नहीं लेते। पार्टी पदाधिकारी इसे सत्ता से दूरी के रूप में देख रहे हैं।

पार्टी ने 100 रुपये से लेकर दो हजार रुपये के कूपन भी जारी किए हैं। इस कूपन का भी हिसाब अब तक प्रदेश कार्यालय तक नहीं पहुंचा है। पिछले सप्ताह आजीवन सदस्यता निधि को लेकर जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों की बैठक हुई थी। इस बैठक में पदाधिकारियों ने मौखिक रूप से राशि जमा होने की जानकारी दी, लेकिन प्रदेश कार्यालय तक राशि नहीं पहुंचाई है।

पदाधिकारियों का पार्टी करती है आंकलनभाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आजीवन सदस्यता अभियान में जमा राशि के आधार पर पार्टी पदाधिकारियों का भी आंकलन करती है। जिलों और मंडल में जो लक्ष्य दिया गया है, उसे कितना पूरा किया गया, इसका रिकार्ड केंद्रीय संगठन को भी भेजा जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के कुछ मंडलों में स्थिति बेहद निराशाजनक है।

भाजपा प्रदेश सह कोषाध्यक्ष नंदन जैन ने कहा, आजीवन सदस्यता निधि जमा करने का समय 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। अभी मंडल से रसीद और कूपन आ रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को आजीवन सदस्यता निधि अभियान के माध्यम से जोड़ा जाए। जब कार्यकर्ता पैसा देता है, तो मन भी देता है। वह पार्टी से जुड़ता है और चुनाव में पार्टी के पक्ष में काम करता है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]