निजी स्कूलों के आगे असहाय हुआ शिक्षा विभाग, मनमानी जारी

कोरबा,02 अप्रैल (वेदांत समाचार)। सरकार ने कहा है कि सभी निजी स्कूलों को राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद से अनुमोदित पुस्तकें चलानी होगी और इसे पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा। इसके बावजूद निजी स्कूल के संचालक मनमानी पर अडिग हैं । उन्होंने निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लेने के लिए पालक को पर दबाव डालना जारी रखा है। एक बार फिर इस मामले को लेकर पालक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की।


कोरबा जिले में कई निजी स्कूलों को लगता है कि वह सरकार और प्रशासन से भी ऊपर हैं और जो चाहेंगे करेंगे। शायद इसीलिए उन्होंने अपने यहां एनसीईआरटी के बजाय निजी पब्लिकेशन की पुस्तकें शामिल करने की मानसिकता बनाई है। जबकि 24 मार्च को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा एक आदेश जारी करते हुए साफ तौर पर कहा गया था कि निजी स्कूल के संचालक किसी भी पालक को मजबूर नहीं कर सकते कि उसे निजी पब्लिशर्स की पुस्तक लेने के लिए किसी दुकान में जाना है। इस आदेश को मानने से इनकार करने के साथ पलकों को परेशान किया जा रहा है। ऐसे ही मामले को लेकर अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की। पैरंट्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरबा में सब कुछ मनमाने तरीके से हो रहा है इसलिए हम चाहते हैं कि नियम से खिलवाड़ करने वाले स्कूल प्रबंधन की मान्यता रद्द की जाए।


पिछले वर्ष इस प्रकार के मामले सामने आए थे और इसे लेकर काफी बवाल हुआ था। उस समय भी आश्वासन देने के साथ मामले को टाल दिया गया। अब देखना होगा कि अपने आदेश की इज्जत रखने के लिए शिक्षा विभाग मनमानी करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कौनसी कार्रवाई करता है