कोलंबो। आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबये राजपक्षे ने आपातकाल लगा दिया है. यही नहीं इसी वजह से कोलंबो नॉर्थ, कोलंबो साउथ, कोलंबो सेंट्रल और नुगेगोडा पुलिस डिवीजन में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
आर्थिक और सामाजिक इंडेक्स में कभी दक्षिण एशिया को राह दिखाने वाला श्रीलंका इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भारत, चीन के अलावा आईएमएफ से इतना कर्ज ले चुका है, कि अब उसके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में बिगड़ते हालत के बीच लोगों का धैर्य भी जवाब दे रहा है, और राष्ट्रपति राजपक्षे की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कहीं-कहीं यह प्रदर्शन हिंसक हो रही है.
हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, उन पर जमकर लाठियां भी बरसाई जा रही है. स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो जाए इसके पहले राष्ट्रपति ने आपातकाल लगा दिया है. लेकिन इसके बाद भी स्थिति सुधरने के आसार कम नजर आ रहे हैं, क्योंकि आर्थिक संकट जस की तस बनी हुई है.
श्रीलंका एक साथ कई चुनौतियों से जूझ रहा है. एक तरफ बिजली के संकट को देखते हुए स्ट्रील लाइन को बंद किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल के संकट के मद्देनजर पेट्रोल स्टेशन पर गाड़ियों की लंबी-लबी कतार लगी हुई है. सार्वजनिक यातायात व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है. यही नहीं श्रीलंका में छात्रों की पढ़ाई पर भी इस आर्थिक संकट का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है. पहली बार देश में कागज की ऐसी किल्लत है कि परीक्षाओं को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है.
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