मानिकपुर पुलिस की त्वरित कार्यवाही: हत्या के प्रयास का आरोपी रिपोर्ट के 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार


0 गिरफ्तारी से बचने के लिए घटना स्थल से फरार हो गया था आरोपी
कोरबा 31 मार्च (वेदांत समाचार)। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण प्रार्थिया श्रीमती गीता बरेठ पति समायन बरेठ उम्र- 39 वर्ष सा0 नवापारा कोथरी नाका थाना उरगा जिला कोरबा के द्वारा 31.मार्च को देर रात्रि प्रथम सूचना पत्र दर्ज करायी कि 28.मार्च को यह अपने पति व अपने दोनो बच्चो के साथ अपने जेठ के बेटा-बेटी का विवाह तय होने जाने से विवाह में खरीददारी व घरेलु कार्य में सहयोग हेतु कुआंभट्ठा आये थे 31मार्च को सामान खरीदकर कुआभट्ठा वापस आने के बाद रात्रि में यह अपने पति समायन बरेठ के साथ टी0व्ही0 देख रही थी, इसका जेठ, जेठानी और बच्चे कमरे के बाहर थे पीड़िता का पति पुराने घरेलू विवाद को लेकर अचानक गुस्से में आकर पीड़िता को जान से खत्म करने की नियत से पास में रखे सब्जी काटने के चाकू से इसके सिर, गला, पेट,कंधा के सामने हिस्से में प्राण घातक हमला कर गम्भीर चोट पहुंचाया हैं।

प्रार्थिया पर चाकू से हमला करने के बाद प्रार्थिया को मृत समझकर वहां से भाग गया ,प्रार्थिया के जेठ- जेठानी द्वारा प्रार्थिया को त्वरित रूप से जिला चिकित्सालय कोरबा में भर्ती कर चौकी मानिकपुर में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी, प्रार्थिया की रिपोर्ट पर चौकी मानिकपुर में अपराध क्रमांक 334/2022 धारा 307 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया। कायमी उपरांत हालात से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय कोरबा भोजराम पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय कोरबा अभिषेक वर्मा व नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा योगेश साहू व थाना प्रभारी कोतवाली रामेंद्र सिंह द्वारा त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया तब मानिकपुर पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए फरार आरोपी समायन बरेठ को कायमी के 12 घंटे भीतर घेराबंदी कर मोतिसागर पारा क्षेत्र से हिरासत में लेने में सफलता प्राप्त हुई, आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त चाकू को विधिवत समक्ष गवाह जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया।

आरोपी के द्वारा धारा सदर का अपराध घटित करना सबूत पाये जाने से आरोपी को आज 01.मार्च को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। उक्त कार्यवाही में चौकी प्रभारी मानिकपुर मयंक मिश्रा, प्रआर0 286 गोविंद सिंह, प्र आर 199 संतोष सिंह, आर. आलोक टोप्पो, आरक्षक अशोक पाटले, आरक्षक संजय साहू, आरक्षक यशवंत दिवाकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।