बिलासपुर।1 अप्रैल (वेदांत समाचार) अस्पतालाें और क्लीनिक में होने वाली आगजनी की घटना को रोकने के लिए शासन ने फायर सेफ्टी आडिट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपनी है। लेकिन जिले के ज्यादातर अस्पताल फायर सेफ्टी आडिट कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं अब इसे स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है। सीएमएचओ ने ऐसे छोटे बड़े सभी निजी अस्पताल व क्लीनिक को नोटिस जारी कर फायर सेफ्टी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अंतिम मौका दिया है। इसके तहत 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
राज्य शासन ने छह महीने पहले ही सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया था कि निजी अस्पतालों और क्लीनिक का फायर सेफ्टी आडिट कराएं और उसकी रिपोर्ट अपने पास रखें। जो फायर सेफ्टी आडिट नहीं कराते हैं, उनका लाइसेंस फायर सेफ्टी लागू नहीं कर लिए जाने तक रद कर दिया जाएगा। साथ ही जानकारी दी गई कि फायर सेफ्टी आडिट की जिम्मेदारी होमगार्ड की है। उनकी टीम अस्पतालों का निरीक्षण करेगी, कमी मिलने पर उन कमियों को दूर कराना होगा।
स निर्देश के बाद लगातार अस्पतालों को नोटिस देकर फायर आडिट कराने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन ज्यादातर अस्पताल इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं अब इसे गंभीरता से लिया गया है। सीएमएचओ डा. प्रमोद महाजन ने सभी अस्पतालों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर फायर सेफ्टी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस अवधि में रिपोर्ट में प्रस्तुत नहीं करने की दशा में लाइसेंस रद कर दिया जाएगा।
[metaslider id="347522"]