दिल्ली। भारत में बढ़ती महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां आम उपभोक्ताओं को सांस नहीं लेने दे रही हैं. ये कंपनियां कभी पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा करती हैं, तो कभी एलपीजी की कीमत में इजाफा करके लोगों की जेबों पर डाका डालती हैं. शुक्रवार 1 अप्रैल को सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा तो नहीं किया है, लेकिन एलपीजी सिलेंडर के दाम में बड़ी बढ़ोतरी की है, जिससे आम उपभोक्ताओं भोजन पकाना भी महंगा हो गया है.
सरकारी तेल विपणन कंपनियों की ओर से जारी नई दरों के अनुसार, शुक्रवार को एलपीजी सिलेंडर के दाम में 250 रुपये का इजाफा किया है. तेल विपणन कंपनियों की ओर से यह बढ़ोतरी घरेलू एलपीजी सिलेंडरों पर नहीं, बल्कि होटलों और रेस्टोरेंटों में इस्तेमाल होने वाले कॉमर्शियल सिलेंडरों पर की गई है. इससे घरेलू सिलेंडर का इस्तेमाल करने वाले आम उपभोक्ताओं को राहत मिली है. तेल विपणन कंपनियों ने अभी हाल ही में करीब 10 दिन पहले ही घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के दामों में इजाफा किया है, जबकि इन कंपनियों ने 22 मार्च को कॉमर्शियल सिलेंडरों के दामों में कटौती की थी.
बताते चलें कि भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान तेल विपणन कंपनियों ने करीब 137 दिनों के बाद बीते 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल के दामों में दोबारा बढ़ोतरी करना शुरू कर दिया. इसी 22 मार्च को तेल विपणन कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले घरेलू उपयोग वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में करीब 50 रुपये की बढ़ोतरी की थी. हालांकि, 6 अक्टूबर 2021 के बाद से घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था.
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