गेटकीपर की हत्या के पांचों दोषियों को आजीवन कारावास

कोरबा,1 अप्रैल (वेदांत समाचार)। नवलपुर रेलवे फाटक के गेटकीपर की उसके ही सहकर्मी ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। करीब डेढ़ साल पहले हुई इस घटना के सभी पांच दोषियों को प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मदवानी और कोथारी के बीच नवलपुर रेलवे क्रासिंग के गेटकीपर हरेश कुमार (32) का रक्तरंजित शव केबिन से करीब 40 मीटर दूर सड़क किनारे 18-19 अक्टूबर 2020 की रात मिला था। सिर बुरी तरह कुचल दिए जाने की वजह से प्रथम दृष्टया ही हत्या का मामला मानकर पुलिस ने जांच शुरू की। घटनास्थल से कुछ दूर झाड़ियों खून से सना फावड़ा भी मिला। घटनास्थल से गंध लेकर पुलिस डाग नजदीक के ही गांव कचोरा पहुंचा। यहां रहने वाले पवन श्रीवास पिता खगेश्वर (30) के घर के इर्द-गिर्द मंडराने लगा। पुलिस के लिए डाग की ओर से दिए गए यह संकेत काफी थे। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, प्रारंभ में वह गुमराह करते रहा। सख्ती से पूछताछ में उसने हत्या में शामिल होने का अपराध कबूल कर कहानी बताई। अजय कुमार धुर्व पिता स्व. कृष्णा 30 साल कचोरा निवासी भी वहीं नवलपुर रेलवे क्रासिंग में गेटकीपर है।

अक्सर ड्यूटी पर लेट आने की वजह से हरेश कुमार उसकी शिकायत अधिकारियों से करता था। इसकी वजह से वह एक बार निलंबित हो चुका था। इसे लेकर नाराज अजय ने अपने साथी छतर यादव पिता ननकीराम (34), प्रेमदास महंत पिता शिवदास (28), शत्रुध्न कुमार गोस्वामी पिता भुवन गिरी (26) व पवन के साथ मिल कर हत्या करने की योजना बनाई। घटना के दिन ही रात करीब पवन के यहां सभी ने शराब पिया,फिर रेलवे क्रासिंग आ धमके और यहा तैनात हरेश का कालर पकड़ कर क्रासिंग से उस पार सड़क में ले आए और उसकी पिटाई करने लगे। इस बीच अजय ने केबिन से फावड़ा लाकर उसके सिर पर वार कर दिया। इससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत मामला पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया। न्यायालय में चली सुनवाई के बाद पांचों को दोषी पाते हुुए धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व धारा 201 के तहत पांच साल का सश्रम कारावास व 500-500 रुपये अर्थदंड सुनाया गया।

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