एनटीपीसी लारा परियोजना क्षमता विकास की राह पर …


·       वित्त वर्ष 2021-22 में 80.92% पीएलएफ से साथ 11217 मेगावाट बिजली का उत्पादन
·       पूरी क्षमता से प्रचालित होने के वाद देश की शीर्ष प्लांट में सुमार होगा
·       एनटीपीसी की प्रथम अत्याधुनिक 800 मेगावाट की बॉयलर की माध्यम से बिजली का उत्पादन

रायगढ़,27 मार्च (वेदांत समाचार)। वित्त वर्ष 2021-2022 में दिनांक 28 मार्च 2022 तक एनटीपीसी लारा द्वारा 80.92 प्रतिशत प्लांट लोड एवं 92.49 प्रतिशत उपलब्धता के साथ 11217 मिलीयन यूनिट उत्पादन कर छत्तीसगढ़ के साथ साथ मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दमन एवं दीव एवं दादरा एवं नगर हवेली की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा कर रहा है, यह जानकारी दिनांक 28 मार्च 2022 को आयोजित पत्रकार वार्ता में कार्यकारी निदेशक आलोक गुप्ता ने पत्रकारों को बताई।

खास बात है की उत्पादित बिजली की 50 प्रतिशत सिर्फ  छत्तीसगढ़ को प्रदान की जाती है। बिजली परियोजना की जरूरी आवश्यकता कोयला की आपूर्ति तलाईपली कोयला खदान से किया जाएगा, बहुतजल्द तलाईपली से कोयला मिलना सुरू हो जाएगा तब लारा प्लांट की पी॰एल॰एफ में और सुधार आएगा, और एनटीपीसी लारा देश की शीर्ष के पावर प्लांट में गिना जाएगा। बहुत जल्द एनटीपीसी लारा का क्षमता में बृद्धि होने जा रही है, कुछ दिनो में लारा में और दो 800 मेगा वाट इकाइयाँ का निर्माण होनेवाला है।

आयोजित पत्रकार वार्ता में कार्यकारी निदेशक आलोक गुप्ता ने पत्रकारों को बताई


पूरी चर्चा के दौरान गुप्ता ने एनटीपीसी द्वारा बिजली उत्पादन के साथ साथ पुनर्वास एवं पुनः स्थापना के अंतर्गत किए जा रहे विकास कार्यो की वारे में जानकारी दी गई। प्लांट बनने से स्थायी एवं अस्थाई रोजगार की आयाम बने है। स्थायी की मुक़ाबले अस्थाई नौकरी की संभाबना ज्यादा है। क्यूँ की वर्तमान समय में बनरहे आधुनिक युक्त प्लांट को चलाने के लिए सीमित कर्मचारिओं की आवश्यकता होती है, अतः स्थायी नौकरी की संभावना कम रहती है, इसके अतिरिक्त संविदा नौकरी, वाहन, नगर परिशर आदि में दुकान की आबंटन प्रक्रिया में परियोजना में सहयोगी ग्रामीणों को अग्राधिकार दिया जाता  है। हाल ही में एनटीपीसी लारा की नगर परिशर को एनटीपीसी की नगरपरिशर में किफ़ायती जल उपयोग के लिए  द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया है।


परियोजना से प्रभाबित ग्रामीणों को पेय जल मुहैया कराने के लिए 8 ग्रामों में पनि टंकी की निर्माण किया गया है, 4 ग्रामों में घरों में पीपे की माध्यम से पेय जल मुहैया किया जा रहा है। लोगों की सुस्वास्थ्य के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की माध्यम से लोगों की स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाई का वितरण किया जा रहा है। परिमल व्यवस्था के लिए ग्रामों में 1586 शौचालय का निर्माण किया गया है। ग्रामों में कंक्रीट रोड, तलबों में पचरी, ग्रामों के मुख्य द्वार का निर्माण किया गया है। पुसौर विकास खंड की गोष्ठी स्वास्थ्य केंद्र की नवनिर्माण। पुसोरे  शासकीय आईटीआई का विकास तथा रायगढ़ इंजीनीरींग कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है।