उज्जैन 23 मार्च (वेदांत समाचार)। रंगपंचमी पर मंगलवार को गेर के रूप में शौर्य और विजय की 500 साल पुरानी परंपरा ने नगर भ्रमण किया। महाकाल मंदिर, सिंहपुरी, कार्तिकचौक तथा भागसीपुरा से चल समारोह निकाले गए। महाकाल मंदिर की गेर में शामिल भगवान महाकाल के पुष्प मुकुट की झांकी ने भक्तों का मनमोह लिया। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से शाम 7 बजे ध्वज पूजन के बाद श्री महाकालेश्वर वीरभद्र ध्वज चल समारोह निकाला गया। बैंड बाजों के साथ निकले चल समारोह में 11 ध्वज शामिल थे। भगवान वीर भद्र का रथ व भगवान महाकाल के पुष्प मुकुट की झांकी आस्था का केंद्र रही। चल समारोह में बड़ी संख्या में पुजारी,पुरोहित व प्रबुद्धजन शामिल थे।
सिंहपुरी की गेर में शौर्य व शक्ति के दर्शन
रंगपंचमी पर सिंहपुरी से निकली गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज की गेर में शौर्य व शक्ति के दर्शन हुए। श्री महाकालेश्वर भर्तृहरि विक्रम ध्वज चल समारोह समिति के तत्वावधान में गेर निकाली गई। शाम 7 बजे आताल पाताल भैरव की महाआरती के बाद गेर की शुरुआत हुई। कारवां में तीन बैंड, 21 ध्वज, 21 ढोल, अखाड़े आदि शामिल थे। सिंहपुरी से शुरू होकर गेर प्रमुख मार्गों से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां ध्वज पूजन किया गया। इसके बाद चल समारोह नगर भ्रमण के लिए रवाना हुआ। पं.विनोद व्यास, पं.रविशंकर शुक्ल, पं.महाकाल पाठक, पं.कपिलकांत व्यास सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल थे।
कार्तिक चौक : गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज
कार्तिक चौक से रंगपंचमी पर गुर्जरगौड़ ब्राह्मण समाज की गेर निकली। शाम 7 बजे तोपतोड़ भैरव मंदिर में ध्वज निशान का पूजन किया गया। इसके बाद ढोल ढमाकों के साथ समाजजन ध्वजों को लेकर निकलेंगे तथा समाजजन के घरों पर प्रदर्शन के लिए स्थापित किया। कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी पर 31 मार्च को समाज की बड़ी गेर निकलेगी।
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