बीजापुर । होली से पहले शाम के 7 बजे के आसपास नक्सलियों ने खूनी खेल खेला है। मद्देड थानाक्षेत्र के अंतर्गत अंगमपल्लीगुड़ा में पास्टर यालम शंकर की निर्मम हत्या करने की जानकारी मिली है। घर के बाहर धारधार हथियार से गांव के पास्टर को मौत के घाट उतारा है। इस घटना की पुष्टि भोपालपटनम एसडीओपी ने की है।
एसडीओ पी ने बताया कि यह नक्सली घटना मद्देड़ थाना से महज 2 किमी की दूरी की है। रात होने के कारण घटनास्थल में पहूंचने में देरी हो सकती है। फिलहाल पुलिस को हत्या का कारण अज्ञात है। सूत्रों ने बताया कि यालम शंकर पहले गांव सरपंच रहा है।इसके बाद वह करीब पांच वर्षों से पास्टर का काम करते आ रहा था। इस घटना से मद्देड़ इलाके में दहशत बना हुआ है। मद्देड़ पुलिस थाना में परिवार की ओर से इस हत्या की सूचना मिली है।पास्टर यालम शंकर का शव अभी घर के समीप पड़ा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि नक्सलियों ने पोस्टरों के माध्यम से मद्देड़ क्षेत्र के अधिकांश पास्टरों को धमकी दी थी, कि जो भी आदिवासियों को धर्म परिवर्तन कराने का काम करेगा वो सजा भुगतने को तैयार रहे। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि नक्सली इसी कारण हत्या को अंजाम दिया हो। आदिवासियों की अपनी संस्कृति व परम्परा है। यह भी जानकारी मिली है कि क्षेत्र में ईसाई धर्म मानने वालों को नक्सलियों ने पर्चे के माध्यम से चेतावनी भी दी है।माह भर पहले इसी धर्मांतरण मामले को लेकर मद्देड़ क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों के बीच मारपीट जैसे घटना हुई है।इसकी जानकारी व रिपोर्ट मद्देड़ थाना में पीडितों ने दर्ज कराई है।
जानकारी अनुसार जिले में ईसाईयों के धर्मांतरण मामले पर नक्सलियों ने अपना रुख पहले से ही स्पष्ट कर दिया था कि गांव में कोई आदिवासी धर्म परिवर्तन न करे।इसके लिए पास्टरों को हिदायत दी गई थी। बावजूद पास्टर गांव में धर्म परिवर्तन कराने के साथ साथ प्रचारक का काम करते आ रहे थे, नाराज नक्सलियों ने यह कदम उठाया।पास्टर की हत्या का यह मामला जिले की पहली घटना है।
जिले के आदिवासी समाज से जुड़े लोगों का भी कहना कि हम अपनी संस्कृति, रीति रिवाज व देव, देवी, पंडूम व परम्परागत रिवाज को छोड़कर धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देना यह हमारे आदिवासियों भाईयों के साथ एक धोखा है। आदिवासी समाज का मानना है कि इसके लिए समाज प्रयासरत हैं, लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
[metaslider id="347522"]