0 कानन पेंडारी से लाए गए थे 49 हिरण
बलौदाबाजार I छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में कसडौल के जंगल में छोड़े गए दो काले हिरणों की मौत हो गई। एक भटक कर गांव में पहुंच गया था, जहां उसे कुत्तों ने नोच खाया। जबकि दूसरे की बारनवापारा अभयारण्य में खाना नहीं पचने के कारण मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वन भैंसों के लिए बनाए गए बाड़े में हिरण को रखा गया था।
करीब 4 साल पहले अभयारण्य में 49 काले हिरणों को कानन पेंडारी बिलासपुर से लाया गया था। इन्हें बारनवापारा के बाड़े में रखा गया था जो अभी तक वहीं हैं। अब उनकी संख्या 80 पार हो गई है। प्रायोगिक तौर पर उनमें से 40 को जिसमें 17 नर एवं 23 मादा हैं, को खैर छापर स्थित वनभैसों के लिए बनाए गए बाड़े में रखा गया है।
उन्हीं में से एक नर काले हिरण की मौत हो गई। पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सक डॉ. लोकेश वर्मा ने बताया कि खाना न पचने के कारण हिरण का पेट फूल गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। वन विभाग की ओर से काले हिरणों को लगभग 10 दिनों तक निगरानी में रखने के बाद 11 फरवरी और फिर 4 मार्च को जंगल में छोड़ा गया।
एक को गांव के करीब कुत्तों ने नोच खाया
ये काले हिरण गांव के करीब ही बाड़े में रहने के कारण वन क्षेत्र से लगे गांवों के पास ही विचरण करते रहते हैं। शनिवार को एक नर काला हिरण विचरण करते करते देवपुर वन परिक्षेत्र के कोसमसरा बीट में आने वाले ग्राम पकरीद के पास पहुंच गया था। वहां आवारा कुत्तों का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई।