देश में पिछले कुछ हफ्तों से (Coronavirus) के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है. रविवार को, देश में संक्रमण के लगभग तीन हजार नए केस दर्ज किए गए. ये 667 दिनों में सबसे कम आंकड़ा था. सोमवार को भी 2,503 नए केस रिपोर्ट किए गए. संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए केंद्र ने राज्य सरकार से रात का कर्फ्यू, लॉकडाउन, छोटी सभाओं जैसे सभी कोविड प्रतिबंधों (Covid Restrictions) और एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के प्रतिबंध को हटाने का आग्रह किया है. ज्यादातर राज्य सरकारों ने सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है. 18 मार्च को देशभर में होली का उत्सव (Holi Celebration) मनाया जाएगा. विशेषज्ञों को डर है कि इस मौके पर होने वाली बड़ी सभाओं से कोविड-19 के मामलों में उछाल आ सकता है.
कुछ वैज्ञानिकों ने जून-जुलाई में कोरोना की अगली लहर (Corona Next Wave) की भविष्यवाणी की है, लेकिन वायरोलॉजिस्ट ने इसे बस एक अनुमान भर कहा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यह घोषणा करने के लिए तैयार नहीं है कि कोरोना अब एंडेमिक स्टेज में पहुंच गया है. दक्षिण एशिया में हालात अभी भी बहुत गंभीर हैं. चीन और दक्षिण कोरिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में क्या हमारे यहां प्रतिबंधों का हटाया जाना सही है, खासकर होली जैसे त्योहार के दौरान? पिछले साल इस त्यौहार के दौरान, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 22 के तहत प्रतिबंध लगाने की सलाह दी थी, क्योंकि तब मामले बढ़ रहे थे. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नई अधिसूचना अतिरिक्त COVID-19 प्रतिबंधों की समीक्षा और संशोधन या उन्हें खत्म करने के लिए थी क्योंकि देश में 21 जनवरी, 2022 से लगातार कोविड के मामलों गिरावट दर्ज की जा रही है.
क्या होली का जश्न एक और लहर की वजह बन सकता है?
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रवि शेखर झा का कहना है कि होली के बाद शायद कोविड के मामलों में इजाफा नहीं होगा. उन्होंने टीवी9 को बताया कि पिछले साल COVID के मामलों में बढ़ोतरी और तीन लहरों के बीच की अवधि को देखते हुए इस साल होली के तुरंत बाद मामले उस स्तर तक बढ़ने की आशंका नहीं है. महामारी की शुरुआत के बाद से हमने देखा है कि अगली लहर शुरू होने में लगभग 4 महीने लगते हैं. पिछले साल, अप्रैल 2021 से संक्रमणों में लगातार वृद्धि के बाद महामारी की दूसरी लहर शुरू हुई जो होली के बाद आई थी. और तीसरी लहर दूसरी लहर के लगभग 4 महीने बाद आई.उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में इस ट्रेंड को देखते हुए इस बात की आशंका कम है कि होली का जश्न एक और लहर की वजह बन सकता है.
क्या त्योहारों के दौरान सामूहिक समारोहों की अनुमति दी जानी चाहिए?
डॉ. झा ने कहा कि हालांकि होली के बाद मामलों के बढ़ने की आशंका बहुत कम है लेकिन फिर भी लोगों को बड़ी सभाओं का हिस्सा बनने से बचना चाहिए क्योंकि वायरस अभी भी मौजूद हैं. “लहर आए या नहीं लेकिन हम अभी भी पूरी तरह से खतरे से बाहर नहीं हैं. चिंता इस बात की है कि होली ज्यादातर पानी से खेली जाती है, जो कि उन लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है जिन्हें साइनस की समस्या है. होली मनाने के बाद ऐसे लोगों की कंडीशन और खराब हो सकती है. COVID-19 अभी भी मौजूद है, भले ही आप एसिम्टोमैटिक हों. पानी से होली खेलने से छींक और फ्लू जैसे अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
उनका सुझाव है कि अभी भी भीड़-भाड़ और सामूहिक समारोहों से बचना चाहिए. और यदि होली खेलनी ही है तो सूखे और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को सामूहिक समारोहों की अनुमति नहीं देनी चाहिए. इस स्तर पर सभी प्रतिबंधों को हटाना सही कदम नहीं है.
इस बार नहीं बढ़ेंगे केस
इस पर इंटरनल मेडिसिन की सलाहकार डॉ. हनी सावला का नजरिया अलग है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर आबादी का टीकाकरण (Vaccination) हो चुका है या उन्हें COVID-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, ऐसे में पिछले वेरिएंट की तरह इस बार मामलों में वृद्धि नहीं होगी. हमारी लगभग 90 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है जबकि 80 प्रतिशत का वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा, “हमने ज्यादातर लोगों को टीका लगा दिया है और बूस्टर डोज भी दे रहे हैं, इसलिए अब हमें प्रतिबंधों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. हमें केवल अपने जीवन को सामान्य करने के बारे में सोचना चाहिए. डॉ. सावला ने कहा कि “हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा ताकि हम अपनी जिंदगी को पहले की तरह सामान्य कर सकें जैसी यह कोविड आने के पहले थी.”
वैज्ञानिकों ने सभी प्रतिबंध हटाने को लेकर किया आगाह
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने सभी प्रतिबंधों को हटाने को लेकर आगाह किया है क्योंकि कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट अभी भी मौजूद हैं. हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि COVID-19 के कम होते मामले उत्साहजनक है, लेकिन फिर भी वो सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. कई विशेषज्ञ डेटा की घटती उपलब्धता पर भी चिंता जता रहे हैं.
बोस्टन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के एक एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ जॉन ब्राउनस्टीन ने एबीसी न्यूज को बताया कि एक महीने पहले की तुलना में आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं लेकिन अभी भी हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. प्रतिबंध हटाने से लोगों में संपर्क बढ़ेगा जो मौजूदा आंकड़ों को बढ़ाएगा और नए वेरिएंट की गति को तेज करेगा.”
विशेषज्ञों का कहना है कि होली की वजह से COVID के मामलों में उछाल नहीं आएगा, लेकिन फिर भी इस समय सावधानी बरतना सबसे अच्छा है.
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