स्टेट बैंक कर्मियों के अड़यल रवैया से ग्राहकों में आक्रोश

रायगढ़। ग्राहकों के साथ मधुर संबंध और बेहतर सेवा के लिए प्रतिष्ठित व परिचित भारतीय स्टेट बैंक एक ख्याति लब्ध फाइनेंसियल संस्था के रूप में जाना जाता है । लेकिन कोतरा रोड रायगढ़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा में पदस्थ कर्मचारियों ने ग्राहकों के साथ जिस प्रकार से असहयोगात्मक और अड़ियल रवैया अपनाया जाता है उससे ग्राहकों में खासी नाराजगी है । लेकिन बैंक से नियमित संबंध की मजबूरी होने के कारण लोग इन बैंक कर्मचारियों की शिकायत करने से भी परहेज करते हैं ।विगत सोमवार 14 मार्च को जब एक ग्राहक ने अपनी पत्नी के नाम पर चल रहे बचत खाता के पास बुक के लिए आवेदन दिया गया तो एक काउंटर से दूसरे काउंटर पर ग्राहक को भेजा गया फिर आई डी डॉक्यूमेंट लगाने को कहा गया पैन कार्ड की छाया प्रति लगाकर आवेदन दिया गया तो बिना आवेदन को पढ़ें ही पासबुक की द्वितीय प्रति नहीं दे सकते बोलकर ग्राहक को भगाया गया चूंकि संबंधित  बैंक खाताधारक एक जागरूक और सतर्क ग्राहक था जिससे बैंक कर्मचारियों के अड़ियल रवैया और सहयोगात्मक व्यवहार का विरोध किया गया तब बैंक कर्मचारियों अधिकारियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और व्यवहार में सुधार करते हुए काम करने का आश्वासन दिया गया लेकिन काम वास्तव में किया नहीं गया ।इसी तरह की शिकायत कोतरा रोड भारतीय स्टेट बैंक शाखा में आए दिन ग्राहकों से सुनने को मिलते रहती है तथा यहां के काउंटर पर बैठने वाले बैंक कर्मचारी ग्राहकों से अपना नौकर जैसा व्यवहार करते हैं जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता, हां बड़े पैसा वाले और अधिक मोटी रकम लेनदेन करने वाले व्यापारी तथा और औद्योगिक लोगों के साथ, बड़े शासकीय संस्थाओं के साथ हो सकता है इन बैंक अधिकारियों का मधुर व्यवहार या संबंध का दिखावा हो लेकिन आम ग्राहक तो मानो इनके गुलाम हैं।कोतरा रोड भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी और कर्मचारियों को यह एहसास होता है कि ग्राहक उनके गुलाम है और वह जो भी सेवा दे रहे हैं ग्राहकों पर एहसान कर रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि ग्राहकों के जमा राशि, व उनके वित्तीय लेनदेन से प्राप्त लाभ के आधार पर ही इन अधिकारी कर्मचारियों को पगार मिलती है तमाम प्रकार की सुविधाओं को भोगते हैं लेकिन ग्राहकों के प्रति यह तानाशाही रवैया अपनाते हैं जिससे ग्राहक आक्रोशित हैं इस विषय पर जब शाखा प्रबंधक से बात करनी चाही गई तो बताया गया कि शाखा प्रबंधक पिछले कई दिनों से छुट्टी पर हैं और जिन्हें प्रभार दिया गया है वह अपनी जिम्मेदारी को समझ ही नहीं रहे हैं ।यह भी ज्ञात हुआ कि बैंक में अपने कार्य के लिए अधिकारी कर्मचारियों के अड़ियल रवैया का विरोध करने और आवाज उठाने वाले के खिलाफ बैंक कर्मियों ने पुलिस को फोन कर हल्ला गुल्ला मचाने की शिकायत की गई जबकि हकीकत यह है कि कर्मचारियों के नकारात्मक रवैया और ग्राहकों से ग्राहकों की उपेक्षा पर विरोध जताते हुए आवाज उठाया गया इस विषय पर पुलिस विभाग वाले वस्तुस्थिति की जानकारी होने पर पूछताछ कर संतुष्ट हुए क्योंकि सभी ग्राहकों ने बैंक के अड़ियल रवैया को स्वीकार किया अन्यथा बैंक वालों की चले तो ग्राहकों पर पुलिसिया कार्रवाई भी करा दें।