देश में सबसे पहले मनेगी होली महाकाल की नगरी में


महाकाल की नगरी उज्जैन में देश में सबसे पहले सभी त्योहार मनाए जाते हैं। चाहे वो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार दीपावली हो या होली, सबसे पहले महाकाल के आंगन में ही यह मनाई जाती है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस विशेष होली उत्सव को मनाने के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। मालूम हो कि इस बार भी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 17 मार्च को सबसे पहले होली मनाई जाएगी, शाम 7 बजे सबसे पहले यहां होलिका दहन किया जाएगा। महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित कर मंदिर में होली खेलने की शुरुआत होगी।जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर की परंपरा के अनुसार होली ओर धुलेंडी के दिन भस्मारती के समय सुबह 4 बजे गुलाल से होली खेली जाएगी।

इसके साथ ही मंदिर में रंगपंचमी पर टेसू के फूलों से बनाए गए प्राकृतिक रंगों से होली खेली जाएगी। महाकाल मंदिर में रोक हटने के बाद अबकी बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुों के पहुंचने की संभावना है। जानकारी हो कि महाकाल मंदिर में पिछले साल कोरोना की वजह से श्रद्धालु होली उत्सव में शामिल नहीं हो पा रहे थे। इस वर्ष रोक हटने के बाद एक बार फिर श्रद्धालु महाकाल के आंगन में होली खेल सकेंगे।गौरतलब है कि देश-विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस विशेष होली उत्सव को मनाने के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। माना जा रहा है कि रोक हटने के बाद इस बार होली के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।


काशी से बाली तक पहुंचेगा दुर्ग के सांकरा की दीदियों का हर्बल गुलाल
सांकरा की स्व.सहायता समूह की महिलाओं का प्रोडक्ट इंडोनेशिया से इटली तक और देश में पुरी से काशी तक बिकेगा। यहां बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल और अष्टगंध का उत्पादन हो रहा है। कुमकुम स्व-सहायता समूह की 60 दीदियां इस कार्य के लिए लगी हैं। यह कार्य सांकरा डोम में हो रहा है। इसके लिए मशीन लगाई है गणेश ग्लोबल गुलाल फर्म ने। कंपनी ही अष्टगंध के लिए सामग्री प्रदान कर रही है और मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्य कंपनी है। महिलाओं को हर दिन 200 रुपए मानदेय के अलावा प्राफिट शेयरिंग भी की जाएगी। जिस फर्म को यहां काम सौंपा गया है वो ग्लोबल फर्म है और दुनिया भर के देशों में अपने उत्पादों का निर्यात करती है। उन्होंने बताया कि इधर के वर्षों में हर्बल गुलाल की मांग भी तेजी से बढ़ी है। हमारे समूह की महिलाएं इस दिशा में बढ़ी हैं और तेजी से काम कर रही हैं।

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