कोरबा: इंजेक्शन लगाने के बाद बेचैनी फिर मौत,जेके हॉस्पिटल के विरुद्ध शिकायत

कोरबा,14 मार्च (वेदांत समाचार)। एक निजी चिकित्सालय में मरीज की मौत उसे भर्ती करने के कुछ घण्टे के भीतर हो गइल। परिजनों ने आरोप लगाया है कि इलाज में लापरवाही बरती गई। उसे ग्लूकोज की बोतल चढ़ाने और इंजेक्शन लगाने के 10 मिनट बाद बेचैनी/घबराहट होने लगी और फिर सांस थम गई। बताया गया कि मरीज संतोष कुमार डड़सेना 47 वर्ष निवासी ग्राम करनौद जिला जांजगीर- चांपा को पथरी के दर्द के कारण जे के मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोरबा में 13 मार्च को भर्ती कराया गया था।

आईटीआई रामपुर स्थित इस चिकित्सालय में भर्ती होने से पहले संतोष डडसेना अपने साढू पथर्रीपारा निवासी हरीश के घर आया था और पथरी होने की जानकारी दिया था। हरीश और संतोष जे के हाॅस्पिटल रामपुर पहुंचे जहां चिकित्सक से पथरी के कारण दर्द होना बताया। संतोष को भर्ती कर लिया गया। इंजेक्शन और दवाई दी गई। इसके महज 10 मिनट बाद ही संतोष को घबराहट और बेचैनी होने लगी। बिगड़ती हालत को देख तत्काल उसे रेफर किया गया व एंबुलेंस के जरिए दूसरे अस्पताल ले जाया गया लेकिन बिगड़ा मामला देख इलाज करने कोई तैयार नहीं हुआ तो वापस जे के हाॅस्पिटल लाया गया, तब तक संतोष की मौत हो चुकी थी। बताया यह भी जा रहा है कि संतोष की सांस जेके हॉस्पिटल में ही थम चुकी थी लेकिन इसे छिपाते हुए तत्काल रेफर किया गया ताकि ठीकरा अपने सिर पर न फूटे लेकिन दूसरे अस्पताल में इंकार के बाद मामला यहीं आ गया।

इस मामले को लेकर रात में हंगामा हुआ और मृतक संतोष के परिजन रामपुर चौकी पहुंच गए। चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही के कारण मौत का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत हरीश ने किया है जिस पर चौकी प्रभारी निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने जांच की बात कही है। इधर दूसरी ओर जे के हाॅस्पिटल के संचालक जयकुमार लहरे ने कहा है कि मरीज का सही इलाज किया जा रहा था। संतोष डडसेना की मौत से उनके परिजन काफी आक्रोशित हैं ।वह चाहते हैं कि इस मामले की मेडिकल जांच हो और दोषी लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

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